महिला आरक्षण बिल लोकसभा के बाद
राज्यसभा से भी पास हो गया। गुरुवार को बिल के समर्थन में 214 वोट पड़े, जबकि
विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा। अब बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।
राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद महिला आरक्षण बिल,, कानून बन जाएगा। इस बिल के
कानून बनने के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें
आरक्षित की जाएंगी।
लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण के प्रावधान वाला 128वां संविधान संशोधन विधेयक गुरुवार को राज्यसभा में पास हो गया। दिनभर की लंबी चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया। इससे पहले विधेयक को बुधवार को लोकसभा से मंजूरी मिल गई थी। लोकसभा ने भी इस बिल को दो तिहाई बहुमत के साथ पास किया था। इसके पक्ष में 454 और विरोध में दो वोट पड़े थे। विधेयक के पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे देश की लोकतांत्रिक यात्रा में ये एक निर्णायक क्षण है। 140 करोड़ भारतीयों को बधाई। मैं उन सभी राज्यसभा सांसदों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए वोट किया।
विधेयक को राज्यसभा ने सर्वसम्मति से पास किया। लोकसभा में बुधवार को एआईएमआईएम को छोड़ कर सभी दलों ने विधेयक का समर्थन किया था। इस दल का राज्यसभा में प्रतिनिधित्व नहीं है, इस वजह से यह सर्वसम्मति से पास हो गया। हालांकि, बिल को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए जनगणना के बाद परिसीमन का इंतजार करना होगा। फिलहाल उम्मीद जताई जा रही है कि 2029 के लोकसभा चुनाव तक इससे जुड़ा संविधान का 129वां संशोधन अधिनियम लागू हो सकता है।