बुन्देलखंड क्षेत्र में चित्रकूट धाम मंडल के हमीरपुर समेत आसपास के इलाकों में हजारों एकड़ में जैविक खेती (परम्परागत) कराने की तैयारी में किसान जुट गए हैं। सैकड़ों किसानों को खेती करने के लिए कृषि विभाग ने बंफर अनुदान देने का प्लान भी तैयार कर लिया है। किसानों को लगातार तीन सालों तक खेती करने पर बड़ी धनराशि भी मिलेगी।
हमीरपुर समेत चित्रकूट धाम के सभी जिलों के अलावा आसपास के तमाम इलाकों में किसान पिछले कई सालों से जैविक खेती कर रहे थे। इस साल इस योजना का नाम बदलते हुए अब परम्परागत खेती नाम दिया गया है। केन्द्र सरकार की परम्परागत कृषि विकास की योजना के तहत सैकड़ों किसानों को चयनित किया गया है। डिपार्टमेंट ने भी जिले के ब्लाक क्षेत्रों में चयनित गांवों में किसानों के कलस्टर भी तैयार कराए हैं।
इस साल 2022-23 से 2024-25 तक हमीरपुर में परम्परागत खेती के लिए 40 क्लटर बनाए गए हैं। इनमें ढाई हजार के करीब किसान हैं, जिन्हें डिपार्टमेंट से तीन सालों तक परम्परागत खेती (जैविक) के लिए अनुदान दिया जाएगा। उपनिदेशक कृषि हरीशंकर भार्गव ने बताया कि हमीरपुर जिले में सुमेरपुर ब्लाक में कैथी, मौदहा क्षेत्र में खंडेह, राठ क्षेत्र में लिधौरा, बसेला, सरीला क्षेत्र में तुरना, मगरौंठ, कुरारा क्षेत्र में झलोखर, कुसमरा व मुस्करा क्षेत्र में बिंवार, गहरौली, पहाड़ी भिटारी समेत 27 गांव परम्परागत खेती के लिए चयनित किए गए हैं।
इन गांवों में नौ सौ नब्बे किसानों ने योजना के तहत खेती शुरू की है, जबकि बुन्देलखंड के चित्रकूट धाम मंडल के बांदा, चित्रकूट व महोबा जिले में भी हजारों किसान परम्परागत खेती के लिए आगे आए है। उन्होंने बताया कि इस पद्धति से खेती करने से भूमि, जल और वायु को प्रदूषित किए बिना ही दीर्घकालीन और स्थिर उत्पादन लिया जा सकता है। इस तकनीक से खेती करने में केमिकल भी प्रयोग नहीं होता जिससे खेती की सेहत अच्छी रहती है।
परम्परागत खेती से लहलहाएगी फसलें
उपनिदेशक कृषि हरीशंकर भार्गव ने यहां बताया कि जिले के सभी ब्लाकों में 27 गांव केन्द्र सरकार की इस योजना में चयनित किए गए है। 990 किसानों ने परम्परागत (जैविक) खेती शुरू कर दी है। फसलें भी अब खेतों में लहलहा गई हैं। उन्होंने बताया कि किसानों के 65 कलस्टर बनाए गए हैं। एक एकड़ क्षेत्रफल में खेती करने वाले किसानों को डिपार्टमेंट से सुविधाएं दी जाएगी। कृषि भूमि कमजोर होने की संभावना को देखते यहां केन्द्र सरकार ने परम्परागत नाम से कृषि विकास योजना शुरू की है जिससे खेती की दिशा ही बदलेगी।
किसानों को 03 सालों तक मिलेगा अनुदान
उपनिदेशक कृषि ने बताया कि परम्परागत (जैविक) खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को बड़ी सौगात दी जा रही है। एक एकड़ में खेती करने पर किसान को पहले साल में 4800 रुपये, दूसरे साल 4000 व तीसरे साल में 3600 रुपये दिए जाएंगे। एक किसान को तीन साल में 12 हजार 400 रुपये डिपार्टमेंट से दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस धनराशि किसान खाद के गड्ढे, केंचुआ और इनसे तैयार खाद की प्रयोग करने के साथ ही मेड़बंधी आदि के कार्य कराएंगे। इस विधि से उपजा अनाज सेहत के लिए मुफीद साबित होगा।