मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष और श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर से शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने वाले केस के मुख्य वादी दिनेश शर्मा ने सोमवार को कहा कि बागेश्वर पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को आगरा की जामा मस्जिद में नहीं जाना चाहिए, क्योंकि वहां पर कोई भी साक्ष्य मौजूद नहीं है।
सोमवार को हिंदूवादी नेता दिनेश शर्मा ने कहा कि मथुरा कृष्ण जन्म भूमि मंदिर को जब औरंगजेब ने तोड़ा था, तब वहीं पर मंदिर के मलबे से एक बहुत बड़ा चबूतरा बनवाया, उस चबूतरे के ऊपर ईदगाह मस्जिद बनी हुई है, इसलिए मंदिर में निकले हुए ठाकुरजी के विग्रह और प्राचीन मंदिर के सभी साक्ष्य मथुरा वाली ईदगाह मस्जिद में मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि आगरा जामा मस्जिद में जाकर क्या करोगे आप। दिनेश शर्मा ने कहा कि जब औरंगजेब ने भगवान श्रीकृष्ण के भव्य मंदिर को तोड़ा था, तब उसमें 15 फीट ऊंची भगवान श्रीकृष्ण की बहुत बड़ी मूर्ति मिली थी, जो कि अष्टधातु और हीरे-जवाहरात से लदी हुई थी, भगवान श्रीकृष्ण की यह भव्य मूर्ति बहुत ही कीमती थी, इसलिए औरंगजेब ने इस मूर्ति को खंडित कर अपने खजाने में शामिल कर लिया था। मंदिर के प्राचीन साक्ष्य जैसे स्वास्तिक का निशान, सुदर्शन चक्र का निशान, कमल का निशान, शेषनाग का निशान और प्राचीन शिलालेख आज भी मथुरा ईदगाह मस्जिद में दबे हुए हैं। यदि न्यायालय पुरातत्व विभाग के सर्वे का आदेश देती है तो यह सभी प्राचीन साक्ष्य मथुरा वाली ईदगाह मस्जिद में मिल जाएंगे।