मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अगले तीन से चार दिनों में पश्चिमी राजस्थान से मॉनसून की वापसी होने की संभावना है। ये जानकारी कानपुर के चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ.एस.एन.सुनील पाण्डेय ने दी। उन्होंने बताया कि मॉनसून का चार महीने का सफर अब खत्म हो रहा है। मॉनसून 2023 कई मायनों में अनोखा है। जून के महीने में अरब सागर में चक्रवाती तूफान बिपर जॉय बना और 21 जून को नलिया के पास गुजरात तट पर पहुंचा। जून के महीने में ही गुजरात और राजस्थान में बारिश तेज हो गई थी जबकि जून माह में कुछ कमी रही। हालांकि जुलाई महीने में मॉनसून ने फिर से रफ्तार पकड़ी और जुलाई का प्रदर्शन जून से बेहतर रहा। जुलाई माह में वर्षा अधिक हुई।
अगस्त 2023 के दौरान देश में 162.7 मिमी बारिश हुई, जो 1971-2020 के आंकड़ों के आधार पर 254.9 मिमी की लंबी अवधि के औसत (एलपीए) से 36 प्रतिशत कम है। पूरे भारत में वर्षा 1901 के बाद से सबसे कम (162.7 मिमी) थी, जबकि 2005 में 191.2 मिमी का पिछला रिकॉर्ड था। अब हम सितंबर के महीने में हैं, मॉनसून एक बार फिर से सक्रिय हो गया है। बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक के बाद एक,, कम दबाव के दो क्षेत्र विकसित हुए हैं। जिससे देश के पूर्व, मध्य और पश्चिमी हिस्सों में तीव्र वर्षा हुई है। इस वर्ष मॉनसून की वापसी में देरी हुई है। हमें उम्मीद है कि 26 सितंबर के आसपास पश्चिमी राजस्थान से मॉनसून की वापसी शुरू हो जाएगी। स्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं, क्योंकि जल्द ही मध्य पाकिस्तान और राजस्थान के आसपास के हिस्सों पर एक प्रति-चक्रवात विकसित होने की संभावना है। डॉ. पांडेय ने बताया कि पश्चिम और उत्तर-पश्चिम भारत में शुष्क पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलेंगी, जिससे आर्द्रता में कमी आएगी और साथ ही बादल भी छाएंगे। 22 सितंबर तक मॉनसून अभी भी 6 प्रतिशत कम रहा। अगले 3 दिनों के दौरान पूर्वी और मध्य भारत में व्यापक वर्षा हो सकती है। बता दें कि पूरे मॉनसून सीज़न में कानपुर में 763.8 मिमी बारिश दर्ज होती है और कानपुर में अब तक 728.7 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है।