सुलतानपुर- डॉ. घनश्याम तिवारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी एवं उसके परिजनों से सोमवार को तीन जमीनें लगभग चार करोड़ की सम्पत्ति मुक्त कराई गयी है। जिस भूमि के कारण डॉ. तिवारी की हत्या की गयी थी, उसे पीड़ित को कब्जा दिलाया गया है। डॉक्टर घनश्याम तिवारी मर्डर केस में राजनैतिक दबाव के बाद जिला प्रशासन ने कार्यवाही के कदम तेज कर दिए हैं। भारी पुलिस बल के बीच बुलडोजर की कार्रवाई शुरू हो गई है। जिलाधिकारी जसजीत कौर ने सोमवार को बताया कि नगर पालिका क्षेत्र में अब तक मुख्य आरोपित व उसके परिवार के कब्जे से मुक्त तीन जमीनें मुक्त कराई गई है। जमीनों की कीमत लगभग 4 करोड़ के आसपास है।
अवैध कब्जे के चिन्हांकन की अभी भी कार्यवाही चल रही है। मुख्य आरोपी अजय नारायण ने जिस जमीन पर डॉ. को कब्जा नहीं दिया था, उसे डॉक्टर के परिवार को दिलाया गया है। ज्ञातव्य हो कि नगर के शास्त्री नगर इलाके में डॉक्टर की रंगदारी नहीं देने पर पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष व राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य रहे गिरीश नारायण सिंह के भतीजे अजय नारायण सिंह ने शनिवार की शाम पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। डॉक्टर की पत्नी निशा तिवारी की तहरीर पर अजय व दो अज्ञात के विरुद्ध कोतवाली नगर में हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। तीन लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया, लेकिन मुख्य आरोपी सत्ता पोषित अजय पुलिस को ढूंढे नहीं मिला। उधर रविवार शाम पोस्टमार्टम के बाद शव पैतृक गांव पहुंचा तो परिवार वालों ने शव के अंतिम संस्कार से मना कर दिया। परिवार डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को बुलाने की मांग के साथ बुलडोजर की कार्रवाई पर अड़ गया। एस.डी.एम. और सीओ स्तर पर अधिकारी मैनेज में लगाए गए, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। रविवार की रात में स्वयं जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक पहुंचे फिर भी बात नहीं बनी। सोमवार सुबह परिवार ने प्रशासन के सामने छह मांगे रखी। परिवार की सुरक्षा और शस्त्र लाइसेंस दिया जाए। जमीन पर हमें तत्काल कब्जा दिलाया जाए। योग्यता के अनुसार रोजगार और एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए। अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी और आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई की जाए। इन मांगों की संस्तुति भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ.आरए वर्मा, लंभुआ से भाजपा विधायक सीताराम वर्मा, सदर विधायक राजबाबू उपाध्याय और पूर्व लंभुआ विधायक देवमणि द्विवेदी ने की। जिस पर जिलाधिकारी जसजीत कौर ने सहमति व्यक्त किया, उसके बाद अंतिम संस्कार हो सका। स्वयं पूर्व विधायक देवमणि द्विवेदी ने डॉ.के शव को कांधा दिया। बड़ी संख्या में लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए।