उत्तर प्रदेश के बलिया में जिलाधिकारी रविंद्र कुमार की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में निपुण भारत मिशन की समीक्षा की गई। खंड शिक्षा अधिकारियों के कम निरीक्षण पर जिलाधिकारी ने कड़ी चेतावनी जारी करते हुए उनके वेतन रोकने और स्पष्टीकरण लेने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों ने अपना निरीक्षण कार्य पूरा नहीं किया है, उनका भी वेतन रोका जाए और उनसे स्पष्टीकरण लिया जाए। जिला टास्क फोर्स रिपोर्ट की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने मुख्य रूप से प्राथमिक विद्यालयों और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की स्थिति बेहतर करने पर जोर दिया।
इसमें मुख्य रूप से 11 बिंदुओं पर चर्चा की गई। ऑपरेशन कायाकल्प में 19 बिंदुओं पर समीक्षा की गई। इनमें से ग्रामीण ब्लॉक वाइज इंफ्रास्ट्रक्चर में नगर क्षेत्र, बलिया और सेच्युरेशन में गहडवार, रसड़ा और नवानगर कम पाए गए। डीबीटी पेंडेंसी एनालिटिक्स में ब्लॉक बैरिया और दुबहड़ में बच्चों के आधार वेरीफिकेशन की ज्यादा मामले लंबित पाए गए। एआरपी की उपलब्धता में रसड़ा और शिक्षण सामग्री मुहैया कराने में चिलकहर सबसे कम पाया गया।
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय एवं प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की संख्या वास्तविक संख्या से अधिक दिखाए जाने और मध्यान्ह भोजन योजना में भी गड़बड़ी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को स्थिति सुधारने का निर्देश दिया। उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी को अगली बैठक तक कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में मध्यान्ह भोजन योजना, रसोईयों एवं शिक्षकों का वेतन भुगतान और उनके नवीनीकरण की प्रक्रिया को पूरा करने के निर्देश दिए।
बलिया के जिलाधिकारी ने निपुण भारत मिशन में जितने भी पैरामीटर हैं, उनमें से सबसे कम प्रदर्शन करने वाले खंड शिक्षा अधिकारियों की सूची बनाने के निर्देश दिए। बैठक में सीडीओ प्रवीण वर्मा व बीएसए मनीष सिंह सहित शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।