मुरादाबाद में मुख्यमंत्री के निर्देश पर एसडीएम ने कार्रवाई करते हुए रिश्वत मांगने के आरोपी लेखपाल सुनील कुमार शर्मा को निलंबित कर दिया है। लेखपाल पर आरोप है कि उसने किसान की विरासत दर्ज करने के लिए दस हजार की रिश्वत मांगी। रिश्वत न देने पर लेखपाल ने किसान को दो साल तक दौड़ाते रहे। इतना ही नहीं पीड़ित ने चार बार ऑनलाइन विरासत दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन उसे निरस्त कर दिया गया। आखिर में थक हारकर पीड़ित किसान ने 25 सितम्बर को मुख्यमंत्री से मामले की शिकायत की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान लेने के बाद मुरादाबाद के एसडीएम सदर से जांच कराई गई। जांच में दोषी मिलने पर लेखपाल को निलम्बित कर दिया गया।
मझोला क्षेत्र के चिड़िया टोला लाइनपार निवासी राकेश सैनी ने सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि तहसील सदर की ग्राम शाहपुर तिगरी में उनके ताऊ रामचंदर की जमीन है। राजस्व अभिलेखों में उनका नाम दर्ज है। उनकी मृत्यु 29 सितम्बर 2020 को हो गई थी। विरासत दर्ज कराने के लिए उनके भाई भरत सिंह ने ऑनलाइन आवेदन किया था। भरत सिंह के सिर में गंभीर चोट है, इसलिए वह घर पर ही रहता है। विरासत दर्ज कराने के लिए लेखपाल सुनील कुमार शर्मा को सभी साक्ष्य उपलब्ध कराए गए थे। इसके बावजूद विरासत दर्ज नहीं की गई। लेखपाल ने 10 हजार रुपये की मांग की, तो राकेश ने उसे दो हजार रुपये दे दिए, लेकिन लेखपाल पूरे रुपये मांगने पर अड़ा रहा।
राकेश ने बताया कि विरासत दर्ज कराने के लिए उनके भाई भरत सिंह सैनी ने 10 जुलाई 2021, 10 अक्टूबर 2021, तीन जून 2022, 16 जून 23, 21 अगस्त 2023 को ऑनलाइन आवेदन किया। साक्ष्य उपलब्ध कराने के बावजूद लेखपाल ने उसे निरस्त कर दिया। दो साल तक लेखपाल चक्कर लगवाता रहा। इस तरह विरासत दर्ज कराने के लिए ऑनलाइन पांच बार शिकायत की गई थी। इस मामले का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लेकर एसडीएम से जांच कराई। जांच के बाद मंगलवार को आरोपी लेखपाल को निलम्बित कर दिया गया।