सुलतानपुर- नगर कोतवाली क्षेत्र में डॉक्टर घनश्याम तिवारी हत्याकांड में मुख्य आरोपी अजय नारायण सिंह के विरुद्ध सीजेएम कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। वहीं आरोपी के बैंक खातों को भी सीज कर दिया गया है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शनिवार को नगर कोतवाली में हुए चिकित्सक घनश्याम तिवारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी अजय नारायण सिंह की एक्सयूवी कार सोनभद्र में बरामद हुई है। आरोपी के बैंक खाते सीज कर दिये गए हैं। आरोपित के अन्य साथियों की भी जांच की जा रही है। मुख्य आरोपी द्वारा अन्य जिन लोगों पर भी अत्याचार किए गए हैं, उनकी भी जांच की जा रही है।
सीजेएम सपना त्रिपाठी के द्वारा गैर जमानती वारंट जारी किये जाने के बाद पुलिस की कार्रवाई तेज हो गयी है।
नगर कोतवाल श्रीराम पांडे ने की आदेश मिलने की पुष्टि।
ज्ञात हो कि शास्त्री नगर इलाके में डॉक्टर के द्वारा रंगदारी नहीं देने पर पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष व राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य रहे गिरीश नारायण सिंह के भतीजे अजय नारायण सिंह ने 23 सितम्बर शनिवार की शाम पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी थी। डॉक्टर की पत्नी निशा तिवारी की तहरीर पर अजय व दो अज्ञात के विरुद्ध कोतवाली नगर में हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। तीन लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया लेकिन मुख्य आरोपी अजय अभी भी पुलिस की पहुंच से बाहर है।
उधर रविवार शाम पोस्टमार्टम के बाद शव पैतृक गांव पहुंचा तो परिवार वालों ने शव के अंतिम संस्कार से मना कर दिया। परिवार डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को बुलाने की मांग के साथ बुलडोजर की कार्रवाई पर अड़ गया। एस.डी.एम. और सी.ओ. स्तर पर अधिकारी प्रकरण को सुलझाने में लगाए गए लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
रविवार रात में जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक पहुंचे फिर भी बात नहीं बनी। सोमवार सुबह परिवार ने प्रशासन के सामने छह मांगें रखीं। परिवार की सुरक्षा और शस्त्र लाइसेंस दिया जाए। जमीन पर हमें तत्काल कब्जा दिलाया जाए। योग्यता के अनुसार रोजगार और एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए। अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी और आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई की जाए। इन मांगों की संस्तुति भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ आर.ए. वर्मा, लंभुआ से भाजपा विधायक सीताराम वर्मा, सदर विधायक राजबाबू उपाध्याय और पूर्व लंभुआ विधायक देवमणि द्विवेदी ने की। जिस पर जिलाधिकारी जसजीत कौर ने सहमति व्यक्त की, उसके बाद अंतिम संस्कार हो सका। पूर्व विधायक देवमणि द्विवेदी ने डॉक्टर के शव को कांधा दिया। बड़ी संख्या में लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
सोमवार 25 सितम्बर को डॉक्टर घनश्याम तिवारी हत्याकांड मामले में नगर कोतवाल राम आशीष उपाध्याय को निलंबित कर दिया गया। अधिवक्ता हत्याकांड और डॉक्टर तिवारी हत्याकांड में कोतवाल द्वारा बरती गई शिथिलता सामने आई है। नगर कोतवाल के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। भाजयुमो जिलाध्यक्ष के चचेरे भाई मुख्य आरोपी अजय नारायण सिंह पर 50 हजार रुपये इनाम की घोषणा की गयी है। अजय नारायण के पिता जगदीश नारायण सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
डॉक्टर घनश्याम तिवारी मर्डर केस में राजनैतिक दबाव के बाद जिला प्रशासन ने सोमवार दोपहर बाद पुलिस बल के बीच बुलडोजर की कार्रवाई शुरू की। नगर पालिका क्षेत्र में मुख्य आरोपी व उसके परिवार के कब्जे से तीन जमीनें मुक्त कराई गईं। जमीनों की कीमत 4 करोड़ के आसपास थी। अवैध कब्जे के चिन्हांकन की कार्रवाई अब भी चल रही है। मुख्य आरोपी अजय नारायण ने जिस जमीन पर डॉक्टर को कब्जा नहीं दिया था, उसे टीम द्वारा कब्जामुक्त कराकर परिवार को दिलाया गया।