केन्द्र की मोदी सरकार एवं राज्य की योगी सरकार किसानों की समस्याओं का निदान करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में कानपुर शहर में ऐसे नालों के सर्वे का कार्य शुरू किया गया है, जिसका अस्तित्व समाप्त होने की कगार पर है। यह कार्य मनरेगा (MGNREGA) विभाग और भूमि संरक्षण अधिकारी की संयुक्त टीम कर रही है। ये जानकारी गुरुवार को उपायुक्त श्रम रोजगार मनरेगा कानपुर डीसी रमेश चन्द्र ने दी। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे नालों की खोज की जा रही है, जिन्हें लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है। जिनका अस्तित्व समाप्त होने से ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव की समस्या और जल की निकासी न हो पाने से किसानों की फसल खराब हो जाती है।
सर्वे पूरा होने के बाद शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट
उन्होंने बताया कि कानपुर नगर के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल दस ब्लॉक है। जहां कुछ प्राकृतिक नाले थे, जिनका अस्तित्व वर्तमान में समाप्त हो चुका है। ऐसे नालों की सुरक्षा एवं सफाई कराए जाने की कार्य योजना तैयार करने के लिए पहले नालों का सर्वे रिपोर्ट तैयार की जाएगी, उसके बाद सर्वे रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
नालों का पुनरुद्धार कराने की बनेगी योजना
रमेश चन्द्र ने बताया कि कानपुर नगर के भूमि संरक्षण अधिकारी की टीम नालों के सर्वे का कार्य पूरा करके शासन को भेजेगी। जिसकी शासन से अनुमति मिलने के बाद मनरेगा विभाग के सहयोग से नालों का पुनरुद्धार कराने की योजना तैयार की जाएगी।
क्या है मनरेगा योजना ?
महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के अंतर्गत भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा राज्य सरकार की सहायता से कार्य किया जाता है। योजना के तहत देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब बेरोजगार BPL परिवार के लोगों को अपने निवास स्थान से लगभग 5 किलोमीटर के क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। योजना के अंतर्गत ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा गरीब BPL परिवार के लोगों को 1 वर्ष में 100 दिन कार्य देने की गारंटी दी जाती है। इस योजना के परिपालन से देश के नागरिको को रोजगार मिलता है, जिससे देश का विकास होता है।