मुरादाबाद के बिलारी इलाके में गुरुवार को गोकशी के अवैध व्यवसाय में लिप्त पांच आरोपियों पर पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है। बिलारी कोतवाली के एसएचओ रविंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि गोकशी के धंधे में लिप्त थांवला गांव के निवासी दानिश, बब्बू उर्फ मोहम्मद आलम, जाकिर, भूरा उर्फ फहीम और संभल जिले के बनिया खेर इलाके में रहने वाले पिंटू पर मुकदमा दर्ज किया गया है। एसएचओ ने आगे बताया कि यह गैंग लंबे समय से गोकशी जैसे अपराध में लिप्त है और गोवंशों के मांस की तस्करी भी करता है। इन सभी आरोपियों के विरुद्ध पूर्व में भी गोकशी व पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कई मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
बता दें कि 9 जून, 2020 को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गोहत्या पर पूर्ण लगाम लगाने के लिए ‘Cow-Slaughter Prevention (Amendment) Ordinance, 2020’ को पास किया। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ‘उत्तर प्रदेश गो वध निवारण (संशोधन) अध्यादेश, 2020’ को मंजूरी दे दी गई। जहां गोहत्या के आरोपियों को 7 साल के कारावास की सज़ा के प्रावधान को बढ़ा कर 10 साल कर दिया गया। साथ ही गोहत्या पर लगने वाले जुर्माने को भी 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश में अब जो भी गोहत्या या जो-तस्करी में संलिप्त होगा, उसके फोटो भी सार्वजनिक रूप से चस्पा किए जाएंगे। सिर्फ गोहत्या नहीं बल्कि तस्करी में भी कड़ी सजा का प्रावधान होगा। गाय को चोट पहुंचाने या उसकी जान को खतरे में डालने वाला कोई भी काम करना सजा की वजह बन सकता है। यही नहीं तस्करी या चोट पहुंचाने जैसे मामलों में पीड़ित गाय का एक साल तक का खर्च भी दोषी को उठाना होगा। अगर कोई दोबारा गोहत्या कानून के तहत दोषी पाया गया तो सजा डबल हो जाएगी। गो तस्करी में ड्राइवर और गाड़ी मालिक को भी सजा होगी।