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लखनऊ- बाबा नीम करौरी महाराज का 50वां निर्वाणोत्सव गुरुवार को गोमती तट स्थित हनुमान सेतु मंदिर में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर हनुमान सेतु मंदिर के आचार्य चंद्रकांत द्विवेदी के संयाेजन में मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सदाकांत और सचिव दिवाकर त्रिपाठी ने वैदिक मंत्रों के बीच बाबा की पूजा अर्चना कर सभी भक्तों के लिए सुख समद्धि की मंगल कामना की।
बाबा के निर्वाणोत्सव पर हनुमान सेतु मंदिर में विध्नहर्ता गणेशजी, संकटमोचन हनुमानजी, देवी मंदिर व बाबा नीम करौरी महाराज के मंदिर को रंग बिरंगे फूलों से सजाया गया था।
आचार्य चंद्रकांत ने बताया कि 26 जनवरी 1967 को बाबा नीब करौरी ने हनुमान सेतु मंदिर का निर्माण कराया। बाबा नीब करौरी ने मंदिर निर्माण के दौरान कहा था कि हनुमानजी के दर्शन से सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। यदि कोई श्रद्धालु दर्शन के लिए नहींं आ पाता तो वह यदि सच्चे मन से बजरंग बली को पत्र भेजकर कामना करेगा तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाएगी। इस दौरान गोमती तट स्थित प्राचीदन मंदिर बाबा नीम करौरी महाराज की तपोस्थली में 50वां निर्वाणोत्सव पर धार्मिक अनुष्ठानों में श्रीरामचरित मानस, सुंदरकांड पाठ और हवन-पूजन के साथ विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।
भक्तों ने महाराजश्री के विग्रह का अभिषेक व चित्रपट का पूजन किया। अतुल तिवारी ने कहा, युग आएंगे, युग जाएंगे, परंतु बाबा का कार्य सदैव चलता रहेगा। शक्ति सिंह ने कहा कि बाबा महाराज अंतरयामी थे। वे अपने भक्तों का कष्ट बिना बताए ही जान जाते और निवारण कर देते थे। बाबा महाराज का आशीर्वाद प्राप्त मानव जीवन भर सफलता के आयाम स्थापित करता रहा है। इस अवसर पर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सदाकांत, सचिव दिवाकर त्रिपाठी, शक्ति सिंह, अतुल तिवारी एवं सैकड़ों की संख्या में भक्तगण मौजूद थे।
आपको बता दें कि उत्तराखण्ड के नैनीताल जनपद में बाबा नीम करोरी आश्रम, कैंची धाम बहुत प्रसिद्ध है, इसके विषय में हम सभी जानते हैं लेकिन प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में बाबा की तपोस्थली है, वहां भी बाबा के भक्त बड़ी संख्या में पहुंचते हैं, इस आश्रम में बाबा ने प्रभु हनुमान की मूर्ति स्वयं अपने हाथों से बनाई थी। इसके अलावा मथुरा में बाबा की परिनिर्वाण स्थली है जिसका भी बहुत महत्व है।