मऊ- उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद में आलू से भरे ट्रक के बीच में छुपाकर अवैध रूप से असम भेजी जा रही खांसी की दवा को ड्रग इंस्पेक्टर ने पकड़ लिया।
सिरप को बड़े पैमाने पर नशेड़ियों द्वारा नशे के पेय पदार्थ के रूप में प्रयोग किया जाता है। जिसे प्राय: तस्करी कर असम और पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेश भेजा जाता है। ड्रग इंस्पेक्टर राघवेंद्र सिंह ने बताया कि संदेह के आधार पर वाराणसी से असम को जा रहे आलू प्याज लदे ट्रक को रुकवाया गया। तो बीच से लगभग 45 लाख रुपये मूल्य की एक खांसी की सिरप बरामद हुई। जिसे व्यापक पैमाने पर नशेड़ियों द्वारा नशे के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।
उन्होंने बताया कि उक्त सिरप की बिक्री पर सामान्य रूप से काफी सीमित रखी गई है। इसकी बिक्री के लिए एजेंसी वालों को भी लिमिट जारी की गई है। उसके बावजूद इतनी बड़ी मात्रा में दवा पकड़े जाने से किसी बड़े रैकेट के शामिल होना माना जा रहा है। फिलहाल ट्रक को ड्राइवर सहित सरायलखंसी थाने में जमा कराते हुए संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है। ड्रग इंस्पेक्टर राघवेंद्र सिंह ने बताया कि जब्त की गई दवाओं पर मुद्रित बैच नंबर के आधार पर सप्लायर का पता लगाते हुए उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
आपको बता दें कि खांसी की दवा में कुछ सामान्य रूप से प्रतिबंधित मादक पदार्थ मिलाए जाते हैं, जिससे उनमें खांसी ठीक करने के साथ साथ नशे का प्रभाव भी आ जाता है। नशे की लत से ग्रस्त लोगों को जब प्रतिबंधित ड्रग नहीं मिलती तो वो इसी का सेवन करने लगते हैं। ये दवाएं हालांकि प्रतिबंधित होती हैं फिर भी दवा निर्माता कम्पनियों को इन्हें बनाने की अनुमति होती है। कम्पनियां अनुमति से अधिक मात्रा में इनका उत्पादन कर दवाओं की कालाबाज़ारी कर बड़ा लाभ कमा लेती हैं। नशेड़ियों को भी ये दवाएं सस्ती और आसानी से मिल जाती हैं। इस तरह ये काला व्यवसाय फलता फूलता रहता है।
45 lakhs illegal cough syrup siezed