जालौन में भूसा खरीद में घोटाले का मामला सामने आया है। भूसे की खरीद में गड़बड़ी को लेकर जिला प्रशासन की तरफ से कार्रवाई की गई है। इस मामले में ईओ, क्लर्क समेत 3 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक जिले की कदौरा तहसील में स्थित कान्हा गौशाला में पाले गए गौवंशों के लिए भूसे की खरीद में फर्जीवाड़ा सामने आया है। गौशाला में गौवंशों के लिए भूसे की खरीद के लिए सफाई कर्मी के खाते में दो लाख 29 हजार रुपए डाले गए थे, जो नियम के विरुद्ध था। शनिवार को जब एनजीटी की टीम ने गौशाला में निरीक्षण के दौरान संबंधित लोगों से भूसा खरीदने के अभिलेख मांगे, जिसमें नगद भुगतान पाया गया। इसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर उप जिलाधिकारी कालपी की अध्यक्षता में बनाई गई टीम ने 3 लोगों को दोषी पाया। जिनमें निवर्तमान अधिशासी अधिकारी पवन कुमार मौर्य, वरिष्ठ लिपिक राधा बल्लभ चतुर्वेदी और सफाई कर्मचारी भारत प्रजापति शामिल हैं।
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फिलहाल भूसे की खरीद में हुए घोटाले के मामले में जिलाधिकारी राजेश पांडेय ने तीन लोगों के खिलाफ एक्शन लिया है। डीएम ने तीनों दोषियों निवर्तमान अधिशासी अधिकारी पवन कुमार मौर्य, वरिष्ठ लिपिक राधा बल्लभ चतुर्वेदी और सफाई कर्मचारी भारत प्रजापति को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। बता दें कि नगर पंचायत कदौरा में एनजीटी टीम ने भूसे में खेल उजागर किया था। कदौरा नगर पंचायत ने 8 नवंबर 2022 को भूसा खरीद के नाम पर अपने ही सफाईकर्मी भारत प्रजापति के खाते मे 2 लाख 29 हजार से अधिक राशि का भुगतान किया था।
भूसा खरीद में घोटाला सामने आने के बाद ईओ वेदप्रकाश यादव ने बताया था कि उस समय भूसे के लिए यह निकासी गौवंशों के भूसा खरीद के लिए की गई थी और रुपए किसानों को नगद दिए गए थे। तहसीलदार शेर बहादुर सिंह ने कहा था कि नगद भुगतान का कोई प्रावधान नहीं है। जिम्मेदारों ने भूसा खरीद के नाम पर 2.29 लाख से अधिक रुपए सफाई कर्मी के खाते में डालकर निकाल लिए। मामला संज्ञान में आने के बाद डीएम ने एसडीएम कालपी केके सिंह की अगुवाई में जांच टीम गठित कर दी थी। जिसके बाद अब 3 लोगों को सस्पेंड कर दिया गया है।