झांसी में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के 28वें दीक्षांत समारोह का आयोजन गांधी सभागार में किया गया। इस दौरान राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने वर्चुअली माध्यम से दीक्षांत समारोह में सम्मिलित होते हुए पुरस्कार, पदक और उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम के दौरान सेंसस डाटा रिसर्च वर्कस्टेशन का भी लोकार्पण किया गया।
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उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित होने से लोकतंत्र की आधी आबादी को राष्ट्रीय नेतृत्व का सुअवसर प्रदान होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिलाओं की सुरक्षा में वृद्धि के साथ-साथ उनके जीवन में समृद्धि का नया स्वर्ण काल प्रारंभ हुआ है। उन्होंने चंद्रयान की सफलता के लिए वैज्ञानिकों के परिश्रम एवं लक्ष्य के प्रति एकाग्रता का जिक्र करते हुए कहा कि छात्र भी इस मार्ग पर चलते हुए राष्ट्र गौरव में सहभागी बन सकते हैं।
उन्होंने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा सूचना एवं प्रौद्योगिकी के समावेश आधारित शिक्षा प्रणाली की प्रशंसा की। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत किए जा रहे प्रयासों को साराहा। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा 100 से अधिक एमओयू करने एवं वर्षा जल संचयन के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने विश्वविद्यालय को विश्वकर्मा जयंती पर भारत सरकार द्वारा जारी की गई पीएम विश्वकर्मा योजना के संभावित लाभार्थियों को जागरूक करने का आह्वान किया। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 2 अक्टूबर को 1 घंटे के लिए विशेष रूप से स्वच्छता अभियान में श्रम दान करने के लिए कहा।
इस अवसर पर कुल 34 कुलाधिपति पदक प्रदान किए गए। कुलाधिपति स्वर्ण पदक समस्त परीक्षाओं में सर्वाधिक प्राप्तांक प्रतिशत के लिए अमन सोनी पुत्र संतोष सोनी एमएससी कृषि एंटोमोलॉजी को प्रदान किया गया। समस्त परीक्षाओं में छात्रों में सर्वाधिक प्राप्तांक प्रतिशत के लिए रिशिता द्विवेदी पुत्री मनोज कुमार द्विवेदी एमएससी वनस्पति विज्ञान को प्रदान किया गया। इसके साथ ही 46 विन्यासीकृत पदक प्रदान किए गए।
कुल पदकों में छात्राओं ने 68 प्रतिशत एवं छात्रों ने 32 प्रतिशत पदक प्राप्त किए। 100 छात्र-छात्राओं को विभिन्न विषयों में पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। विभिन्न संकायों के 61854 छात्र-छात्राओं को स्नातक एवं परास्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण करने पर डिग्री प्रदान की गई। इस वर्ष दो विन्यासीकृत पदक प्रारंभ किए गए। स्वर्गीय पंडित रमेश कुमार शर्मा स्वर्ण पदक एम ए इतिहास हेतु एवं डॉ मधु श्रीवास्तव लोक कलाविद स्वर्ण पदक ललित कला एमएफए हेतु प्रदान किए गए।