लखनऊ- आजकल की जीवनशैली,दिनचर्या,खानपान व दैनिक तनाव के कारण पेट एवं लिवर संबंधी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। पेट से जुड़ी बीमारियों के कारण बहुत से मरीज कम उम्र में ही कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। यह जानकारी पेट एवं लिवर रोग विशेषज्ञ डाॅ.पुनीत मेहरोत्रा ने रविवार को दी।(digestive diseases)
डाॅ.पुनीत ने बताया कि आज के समय में नान एल्कोहल फैटी लिवर डिसीजेज जैसी बीमारियां अधिक मरीजों में पाई जाती हैं जबकि एक दशक पहले तक इस तरह के लिवर की बीमारी उन्हीं मरीजों में देखी जाती थी जिनको या तो हेपेटाइटिस बी या सी होता था या फिर जिनको नशे की आदत होती थी। वर्तमान में ऐसे मरीज भी आ रहे हैं जो नशे का सेवन बिल्कुल नहीं करते हैं।
डाॅ.पुनीत मेहरोत्रा ने बताया कि पेट के अन्य रोग जैसे दर्द,कब्ज व गैस बनने का मुख्य कारण भी अनियमित दिनचर्या,खानपान व जीवनशैली ही है। ऐसे में लोगों को बाहर के खाने विशेष रूप से फास्ट फूड से बचना चाहिए साथ ही नियमित रूप से व्यायाम को अपनी जीवन शैली में अपनाना चाहिए।
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किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पेट रोग के विभागाध्यक्ष डा. सुमित रूंगटा ने बताया कि होटल हयात रिजेन्सी में यूपी चैप्टर आफ इण्डियन सोसाइटी आफ गैस्ट्रोइन्टरोलाॅजी की ओर से 07 व 08 अक्टूबर को दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इस संगोष्ठी में भारत व नेपाल पेट रोग विशेषज्ञ पेट संबंधी बीमारियों के प्रमुख कारण व निदान पर चर्चा करेंगे। डा. सुमित रूंगटा ने बताया कि संगोष्ठी में मेदान्ता गुरूग्राम से डाॅ.रणधीर सूद, एम्स नई दिल्ली के गैस्ट्रो विभागाध्यक्ष अनूप सराया,बीएचयू से देवेश यादव,एसजीपीजीआई लखनऊ से डाॅ. प्रवीर राय, हैदराबाद से डा. मोहन राम चन्दानी , सर गंगा राम हास्पिटल दिल्ली से डाॅ. अनिल अरोरा,जोधपुर से डाॅ.सुनील दधीच व कोलकाता से डाॅ. उदय घोषाल प्रमुख रूप से शामिल होंगे।
Stomach related diseases increasing due to stress