राम जन्मभूमि पर भव्य राम दरबार के निर्माण पूर्ण होने के साथ ही अब अयोध्या से रामेश्वरम तक 290 स्थानों पर श्रीराम स्तंभ Shri Ram Stambh स्थापित किए जाने का कार्य प्रारंभ हो गया है। अशोक सिंघल फाउंडेशन और एमटूके फाउंडेशन की तरफ से राम वनगमन मार्ग अयोध्या से रामेश्वरम तक पर 290 स्थानों पर श्रीराम स्तंभ Shri Ram Stambh स्थापित किए जाने के लिए पहला श्रीराम स्तंभ सोमवार को रामनगरी पहुंचा। राजस्थान के माउंट आबू से कारसेवकपुरम पहुंचे श्रीराम स्तंभ Shri Ram Stambh का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन-अर्चन किया गया। जहां श्रीराम नव वनगमन के दौरान यात्रा की थी और उन स्थानों पर रुके थे। वहां वहां यह स्तम्भ लगाया जाएगा। पितृपक्ष समाप्त होने के बाद अच्छे मुहूर्त में स्तंभ को सबसे पहले अयोध्या के मणि पर्वत पर स्थापित किया जाएगा।
Shri Ram Stambh की ऊंचाई 15 फिट, चौड़ाई 2.5 फीट
इस संबंध में अशोक सिंघल फाउंडेशन के मेम्बर मनोज तिवारी ने जानकारी दी कि श्री राम स्तंभ Shri Ram Stambh की ऊंचाई 15 फिट, चौड़ाई 2.5 फीट है। स्तंभ के ऊपर 2.5 फीट का ध्वज भी लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि वनगमन मार्ग पर शोध करने वाले पं. राम अवतार शर्मा ने स्तंभ स्थापित करने के लिए स्थान निर्धारित किए हैं। वनगमन के दौरान श्रीराम ने पहला प्रवास मणि पर्वत किया था, इसलिए सबसे पहले स्तंभ की स्थापना मणि पर्वत पर की जाएगी।
श्रीराम के वंश से जुड़े प्रतीक अंकित
बता दें लाल बलुवा पत्थर से निर्मित श्रीराम स्तंभ Shri Ram Stambh की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने बताया कि स्तंभों पर विशेष प्रकार की एक परत भी लगी है। जिससे बरसात, धूल और काई का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि इन स्तंभों पर श्रीराम के वंश से जुड़े प्रतीकों को अंकित किया गया है, जिसमें सूर्य, तीर व धनुष शामिल हैं। इसके अलावा रामचरितमानस की चौपाइयां भी अंकित हैं।
ये भी पढ़ें : पूर्वी उत्तर प्रदेश के चार प्रान्तों में आज से शुरू होगी शौर्य जागरण यात्रा (विहिप)