कानपुर की बड़ी वनस्पति तेल कंपनी मयूर ग्रुप पर आयकर विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। आयकर टीम ने उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश समेत कई जगहों पर स्थित कंपनी के ठिकानों पर एक साथ छापा मारा है। ये लगभग एक हजार करोड़ की टैक्स चोरी का मामला बताया जा रहा है।
सूत्रों की मानें तो बुधवार की रात को आयकर विभाग की कई टीमें एक साथ कानपुर के लिए रवाना हुईं। गुरुवार सुबह सिविल लाइन स्थित मयूर ग्रुप की पांच मंजिला कोठी में आयकर विभाग के अधिकारियों ने कई टीमों के साथ छापा मारा। कानपुर देहात के रनियां क्षेत्र में मयूर ग्रुप की सबसे बड़ी फैक्ट्री है। मयूर ग्रुप ने फैक्ट्री के आसपास भी 1000 एकड़ से ज्यादा जमीनों की खरीद फरोख्त की है।
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वहीं आयकर सूत्रों के मुताबिक कंपनी में बड़े पैमाने पर आयकर चोरी की जा रही थी। करीब 1 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के आयकर चोरी की बात फिलहाल सामने आ रही है। हालांकि अधिकारियों ने दस्तावेजों को खंगालना शुरू कर दिया है।
सिविल लाइन स्थित मयूर ग्रुप की 5 मंजिला कोठी बेहद आलीशान बनाई गई है। आयकर अधिकारियों ने तब छापेमारी की है, जब कंपनी के दोनों डायरेक्टर इसी आलीशान कोठी में मौजूद थे। मयूर ग्रुप वनस्पति तेल, फूड आइटम्स और पैकेजिंग का काम करता है।
2019 और 2021 में हो चुकी है छापेमारी
25 फरवरी 2019 को डीआरआई (राजस्व खुफिया निदेशालय) कोलकाता और लखनऊ की टीमों ने मयूर वनस्पति के निर्माता सुनील गुप्ता और सुरेश गुप्ता के सिविल लाइंस स्थित आवास पर संयुक्त रूप से छापा मारा था। इसमें पता चला था कि कारोबारी बांग्लादेश के रास्ते थाईलैंड से कच्चा माल (वनस्पति ऑयल) मंगाते थे। थाईलैंड से सीधे आयात पर टैक्स अधिक है, इसलिए इस रास्ते का इस्तेमाल किया जा रहा था। मामले में कंपनी के एक संचालक को गिरफ्तार भी किया गया था।
कानपुर में मयूर वनस्पति के ठिकानों पर 30 दिसंबर 2021 को भी DGGI लखनऊ के छापे में आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) में बड़ी गड़बड़ी पकड़ी गई थी। चार साल पुराने इस मामले में कंपनी के मालिक सुनील गुप्ता और सुरेश गुप्ता भी फंसे थे। वर्ष 2019 में डीआरआई ने (राजस्व खुफिया निदेशालय) ने मयूर वनस्पति पर छापा मारकर कंपनी के एक निदेशक को गिरफ्तार भी किया था।