चकबंदी संबंधी मामलों के निपटारे में लेटलतीफी, लापरवाही और अनियमितता बरतने पर 6 जिलों के चकबंदी अधिकारी और लेखपालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। चकबंदी आयुक्त ने मुख्यमंत्री योगी के निर्देश के बाद गुरुवार को कौशांबी में तिहरे हत्याकांड में पट्टे की भूमि विवाद में लापरवाही पर चकबंदी अधिकारी समेत 6 लोगों को निलंबित कर दिया है। बता दें कि कुल 12 दर्जन लोगों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया गया है। इनमें निलंबन से लेकर एफआईआर और यहां तक कि नौकरी से बर्खास्तगी की कार्रवाई भी की गई है।
ये भी पढ़ें- RSS का विजयादशमी उत्सव 24 अक्टूबर को, शंकर महादेवन होंगे मुख्य अतिथि
चकबंदी आयुक्त की ओर से पिछले एक माह में एक दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 16 सितम्बर को एनेक्सी में राजस्व की समीक्षा बैठक में लापरवाही और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद विभागीय स्तर पर उनकी लिस्ट तैयार की गई। वहीं योगी से हरी झंडी मिलते ही ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी गई। जानकारों की मानें तो अभी और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है।
चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि कौशांबी में तिहरे हत्याकांड में पट्टे की भूमि विवाद में लापरवाही पर चकबंदी अधिकारी मिथिलेश कुमार, सहायक चकबंदी अधिकारी अफजाल अहमद खां, तीन चकबंदी लेखपाल शिवेश सिंह, शीलवंत सिंह, रवि किरन सिंह और चकबंदीकर्ता राम आसरे को निलंबित कर दिया है।
अनियमितता एवं अनुशासनहीनता पर चकबंदी अधिकारी देवराज सिंह की सेवा समाप्त कर दी गयी है। एटा के सहायक चकबंदी अधिकारी सतीश कुमार को पदावन्नत करते हुए मूल वेतन पर नियुक्त किया है। इसी तरह चकबंदी योजना तैयार करने में नियमों का उल्लघंन करने एवं लापरवाही पर शामली, हरदोई के सहायक चकबंदी अधिकारी अनंगपाल सिंह और गजराज को निलम्बित करते हुए विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है।