ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की अवधि बढ़ाने मामले पर गुरुवार को वाराणसी कोर्ट ने एएसआई को चार हफ्तों का समय दिया है। ज्ञानवापी के अन्य सभी मामलों की सुनवाई अब 12 अक्तूबर को होगी।
ज्ञानवापी परिसर के सर्वे और उसकी रिपोर्ट जमा करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को अदालत ने चार हफ्तों का समय दिया है। वाराणसी जिला जज की कोर्ट में एएसआई ने सर्वे का काम पूरा करने के लिए आवेदन देकर यह समय मांगा था। सरकारी वकील राजेश मिश्रा ने बताया, जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने आवेदन मंजूर करते हुए कहा कि सर्वे के लिए इसके बाद और समय नहीं दिया जाएगा।
इस अवधि में एएसआई सर्वे पूरा कर रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है। एएसआई को पहले 6 अक्तूबर तक रिपोर्ट देनी थी लेकिन अब उसे तीन नवंबर तक इसे जमा करना होगा। इसके आलावा ज्ञानवापी के अन्य सभी मामलों की सुनवाई 12 अक्तूबर को होगी।
ये भी पढ़ें- लखनऊ: CM योगी ने रक्तदान के लिए जागरुकता पर दिया ज़ोर, ‘एक यूनिट ब्लड से बच सकती है कईयों की जान’
अब तक क्या-क्या हुआ ?
कोर्ट ने बीते 21 जुलाई को ज्ञानवापी में सर्वे कर चार अगस्त तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था। 24 जुलाई को सर्वे शुरू होने के बाद पहले सुप्रीम कोर्ट और फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से तीन अगस्त तक काम रुका रहा। इसलिए एएसआई द्वारा सर्वे का काम पूरा करने के लिए चार सप्ताह का और समय देने का अनुरोध किया गया। अदालत ने पांच अगस्त को सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए चार हफ्ते का और समय दिया। इसके बाद अदालत ने आठ सितंबर को एएसआई को सर्वे का काम पूरा करने के लिए चार हफ्ते का समय और दिया।
क्या है विवाद ?
ज्ञानवापी मामले को लेकर हिन्दू पक्ष का दावा है कि इसके नीचे 100 फीट ऊंचा आदि विश्वेश्वर का स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है और वहां भगवान विश्वेश्वर की नियमित पूजा के इंतजाम किए जाएं। ज्ञानवापी परिसर को लेकर चल रहा मामला यह है कि हिन्दू पक्ष की मांग है कि पूरा ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए और मुस्लिमों का प्रवेश ज्ञानवापी में बैन किया जाए।