महाराष्ट्र के थाणे में वर्ष 1994 में एक ही परिवार के 5 सदस्यों को मौत के घाट उतारकर फरार चल रहे दो बदमाशों को एसटीएफ की वाराणसी इकाई ने सारनाथ स्थित सारंगनाथ मंदिर के पास से गिरफ्तार किया है। शनिवार को दोनों बदमाशों की कोर्ट में पेशी हुई। महाराष्ट्र पुलिस कोर्ट से ट्रांजिट रिमाण्ड लेने की कोशिश में जुट गई है।
स्पेशल टास्क के स्थानीय अफसरों के अनुसार,, गिरफ्तार हत्यारे अनिल सरोज उर्फ विजय और सुनील सरोज उर्फ संजय दोनों सगे भाई 1994 में मुम्बई में रहते थे। इनके पड़ोस में प्रयागराज के रहने वाले राज नारायन प्रजापति भी अपनी पत्नी जगरानी, पुत्र प्रमोद, चिण्टू, पिण्टू एवं पुत्री पिंकी के साथ रहते थे। 16 नवम्बर 1994 को अनिल व सुनील ने अपने एक साथी के साथ मिलकर राज नारायन प्रजापति की पत्नी व चारों बच्चों की चाकू व चापड़ से बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी थी। हत्या को अंजाम देने के बाद से दोनों बदमाश फरार थे।
इस संबंध में थाना काशीमीरा थाणे (महाराष्ट्र) में मुकदमा दर्ज होने के बाद थाणे पुलिस विवेचना में जुट गई। विवेचना से कालिया चौहान उर्फ अमरनाथ चौहान निवासी नोनवटी बीरापट्टी थाना बडागांव जनपद वाराणसी, अनिल सरोज व सुनील सरोज का नाम प्रकाश में आया था। कालिया चौहान उर्फ अमरनाथ चौहान को महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वहीं मुख्य आरोपी अनिल सरोज व सुनील सरोज वर्ष 1994 से ही फरार चल रहे थे।
इनके बारे में महाराष्ट्र पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल पा रहा था। इस जघन्य अपराध में फरार चल रहे आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए क्राइम ब्रांच की टीम ने यूपी एसटीएफ से सम्पर्क साध कर सहयोग मांगा। इस मामले में एसटीएफ वाराणसी इकाई के निरीक्षक अमित श्रीवास्तव के नेतृत्व में टीम बदमाशों की तलाश में जुटी हुई थी। टीम को सूचना मिली थी कि दोनों आरोपी सारनाथ सारंग मंदिर के पास आने वाले हैं। पुलिस टीम ने घेराबंदी कर दोनों बदमाशों को मौके से गिरफ्तार कर लिया। बदमाशों के पास से आधार कार्ड और एक हजार रूपए नगद बरामद हुए हैं।