Shahjahanpur News: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में सात साल पहले हुई एनआरआई सुखजीत सिंह की हत्या के मामले में अदालत ने शनिवार को फैसला सुनाया है। अदालत ने सुखजीत की पत्नी रमनदीप कौर को फांसी की सजा सुनाई है। हत्या में शामिल उसके प्रेमी मिट्ठू को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
रमनदीप ने तकिए से मुंह दबाया
रमनदीप ने एक सितंबर 2016 को अपने प्रेमी मिट्ठू के साथ मिलकर पति सुखजीत सिंह की हत्या कर दी थी। सुखजीत हत्याकांड में 16 गवाह पेश किए गए थे, लेकिन घटना के चश्मदीद सुखजीत सिंह और रमनदीप कौर के पुत्र अर्जुन सिंह की गवाही महत्वपूर्ण रही। उस घटना की रात अर्जुन सिंह भी कमरे में था, जिसमें सुखजीत सिंह सोए थे। अर्जुन सिंह ने गवाही में बताया कि आहट सुनकर आंख खुली तो देखा कि उसकी मम्मी रमनदीप कौर पापा सुखजीत के सीने पर बैठी तकिए से मुंह दबाए थी।
मिट्ठू ने हथौड़े से किए थे प्रहार
मिट्ठू ने हथौड़े से दो बार पापा के सिर पर प्रहार किए थे। इसी बीच रमनदीप कौर ने मिट्ठू से कहा कि फिनिश कर दो। मिट्ठू ने चाकू रमनदीप कौर को दिया। रमनदीप कौर ने सुखजीत कौर की गर्दन को चाकू से काट दिया था। अर्जुन सिंह ने बयानों में कहा पापा की हत्या में शामिल मां उसके लिए केवल रमनदीप कौर है। इस घटना के समय अर्जुन सिंह की आयु दस वर्ष थी। इस समय 17 वर्षीय अर्जुन और छोटा भाई 14 वर्षीय एमन इंग्लैंड में बुआ के पास रहकर पढ़ रहे हैं।
सुखजीत की प्रेम प्रसंग में हत्या
शाहजहांपुर के बंडा के बसंतापुर के मूल निवासी सुखजीत सिंह इंग्लैंड के डर्बिशायर में रहते थे। उनकी पंजाब के कपूरथला की तहसील सुल्तानपुर लोधी के गांव जैनपुर के मूल निवासी मिट्ठू सिंह से दोस्ती थी। मिट्ठू का सुखजीत के घर आना-जाना था। इस दौरान मिट्ठू और सुखजीत की पत्नी रमनदीप कौर में प्रेम हो गया। 28 जुलाई, 2016 को सुखजीत पत्नी, बच्चों और दोस्त मिट्ठू के साथ भारत आए थे। देश में कई जगह घूमने के बाद 15 अगस्त को फार्म हाउस पर बसंतापुर पहुंचे। जहां एक सितंबर की रात रमनदीप और मिट्ठू ने उनकी हत्या कर दी थी।