Kanpur News: भारतीय प्रौद्योगिकी
संस्थान कानपुर में स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (SIIC) को राज्य भर में आगामी चार कृषि-व्यवसाय
इनक्यूबेटर स्थापित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह जानकारी बुधवार को
आई.आई.टी. कानपुर के प्रभारी-प्रोफेसर अंकुश शर्मा ने दी, उन्होंने बताया कि जिम्मेदारी सौंपने का
यह निर्णय उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग की ओर से
आई.आई.टी. कानपुर में आयोजित उत्तर प्रदेश कृषि प्रौद्योगिकी मंथन नामक कृषि
कार्यशाला के दौरान लिया गया।
(SIIC) आई.आई.टी. कानपुर और
राज्य सरकार के बीच यह सहयोगात्मक प्रयास सकारात्मक बदलाव लाने और उत्तर प्रदेश को
कृषि में एक स्थायी और समृद्ध भविष्य की ओर ले जाने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता
को दर्शाता है। उत्तर प्रदेश सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने
कहा कि वर्ष 2047 तक
एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने और भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने
के उद्देश्य को साकार करने में कृषि क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस
क्षेत्र में स्टार्टअप के उद्भव की आवश्यकता है क्योंकि 65 प्रतिशत कार्यबल अभी भी कृषि पर निर्भर
है।
इस प्रयास से राज्य भर में कृषि-व्यवसाय
इनक्यूबेटर स्थापित करने के लिए (SIIC) आई.आई.टी. कानपुर से बेहतर कोई मार्गदर्शक नहीं है। (SIIC)
आई.आई.टी. कानपुर के योगदान से हमारे
पास किसानों की आजीविका बढ़ाने, उत्पादन
बढ़ाने और राज्य की समग्र अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने की क्षमता है। इस जिम्मेदारी को
स्वीकार करते हुए (SIIC) आई.आई.टी.
कानपुर के प्रभारी-प्रोफेसर अंकुश शर्मा ने कहा कि यह जिम्मेदारी आईआईटी कानपुर को
कृषि विश्वविद्यालयों के साथ सार्थक सहयोग बनाने के साथ-साथ कृषि-व्यवसाय
इन्क्यूबेशन केंद्र स्थापित करने में मदद करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती
हैं ।
इस कार्यशाला में
कानपुर, बांदा, अयोध्या, मेरठ और प्रयागराज सहित राज्य भर के
विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। प्रतिभागियों ने
सहयोग और रणनीतिक योजना की आवश्यकता पर बल देते हुए इनोवेशन हब स्थापित करने पर चर्चा
की। कार्यशाला ने उनकी सफल स्थापना के लिए आवश्यक प्रमुख कारकों पर जोर देते हुए
परिचालन पहलुओं पर अंतर्दृष्टि प्रदान की गई। (SIIC) आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने
परियोजना रिपोर्ट की तैयारी, इन्क्यूबेशन
सिस्टम की कार्यप्रणाली और इन्क्यूबेशन केंद्र की सफलता के लिए महत्वपूर्ण विचारों
जैसे विषयों पर जानकारीपूर्ण सत्र आयोजित किए।
इस कार्यक्रम में
उत्तर प्रदेश सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी, कृषि सचिव डॉ. राज शेखर और कृषि
अनुसंधान और शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अजय कुमार द्विवेदी सहित गणमान्य अतिथि
उपस्थित थे। कार्यशाला
में एलसीबी फर्टिलाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड सहित एग्रोएनएक्सटी प्राइवेट लिमिटेड,
सप्तकृषि प्राइवेट लिमिटेड और इनवोविरॉन
इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड ने कृषि स्टार्टअप्स के समाधान प्रदर्शित किए गए।