वाराणसी के भेलूपुर इलाके में पूजा-पाठ कराने वाले कर्मकांडी पंडित उमेश चंद्र मिश्रा ने गुरुवार की सुबह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। भागवत विद्यालय के पीछे कमरा लेकर रह रहे अधेड़ उम्र के पुरोहित ने पत्नी से विवाद के बाद ये कदम उठाया। इस मामले में पुलिस छानबीन में जुटी हुई है।
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अस्सी इलाके में घरों में पूजा कराने वाले एक पुरोहित ने गुरुवार तड़के फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। घटना की जानकारी होने पर परिजनों में कोहराम मच गया। सूचना पाते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
दरअसल अस्सी स्थित भागवत विद्या मंदिर के पीछे किराए का एक कमरा लेकर घरों में पूजा-पाठ कराने वाले पुरोहित उमेश चंद्र मिश्रा किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। बुधवार की देर शाम उमेश, उनकी पत्नी और 12 साल का बेटा खाना खाने के बाद सो गए। सुबह उमेश ने पंखे के हुक में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह उठने पर पत्नी उमेश के शव को पंखे से लटकता देखकर रोने लगी। रोने की आवाज सुनकर आसपास के लोग भी जुट गए।
पुलिस ने पूछताछ के बाद फोरेंसिक टीम के साथ छानबीन के बाद शव को कब्जे में ले लिया। आसपास के लोगों का कहना है कि पुरोहित शराब पीता था। इसको लेकर उसके घर में अक्सर विवाद होता रहता था। पत्नी उसके शराब पीने के कारण काफी परेशान रहती थी। शराब पीने को लेकर ही बुधवार की रात को दोनों में झगड़ा हुआ और उमेश ने पत्नी और बच्चे को निकाल कर दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और अंदर उसने फांसी लगा ली।
मृतक पुरोहित उमेश चंद्र की पत्नी ने बताया कि वह शराब के आदी हो गए थे। कमाई का पूरा पैसा शराब में ही लुटा देते थे। इसको लेकर वह काफी परेशान थे और आए दिन झगड़ा होता था। भाई उमाशंकर मिश्रा ने बताया कि वह बहुत ज्यादा शराब पीते थे। उधर,, घटना की सूचना पाकर भेलूपुर पुलिस एवं फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की है।