नई दिल्ली- दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच ने बाटला हाउस एनकाउंटर (Batla house Encounter case) मामले में दोषी करार दिए जा चुके आरिज खान को ट्रायल कोर्ट से मिली फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया है। ट्रायल कोर्ट से किसी को फांसी की सजा दिए जाने के बाद और सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सजा पर हाई कोर्ट की मुहर लगने का प्रावधान है। इसी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आरिज खान की सजा घटा दी। दिल्ली हाई कोर्ट ने मौत की सजा के खिलाफ खान की अपील मंजूर कर ली और दोषसिद्धि को बरकरार रखा।
हाई कोर्ट ने 18 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था। साकेत कोर्ट ने इस मामले में आरिज खान को फांसी की सजा का आदेश दिया था। आरिज खान को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने घटना के दस साल बाद फरवरी, 2018 में भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया था। आरिज पर दिल्ली, अहमदाबाद, यूपी और जयपुर में हुए बम धमाकों का भी आरोप है। वो दिल्ली में 2008 में बाटला हाउस एनकाउंटर के दौरान उसी बिल्डिंग में मौजूद था, जहां चार आतंकी मौजूद थे। चार आतंकियों में से दो आतंकियों को भागने में आरिज ने मदद की थी। आरिज के खिलाफ एन.आई.ए. ने 15 लाख रुपये का इनाम रखा था। दिल्ली पुलिस ने भी उस पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। आरिज यूपी के आजमगढ़ का रहने वाला है। इस मामले में शहजाद अहमद को 2013 में सजा सुनाई जा चुकी है।
2008 में हुई थी बाटला हाउस मुठभेड़
वर्ष 2008 में दिल्ली में सीरियल बम धमाके हुए थे जिनमें 39 लोग मारे गए थे और 159 लोग गंभीर रुप से घायल हुए थे। घटना के कुछ दिन बाद पुलिस को सूचना मिली थी कि बम धमाकों के अपराधी दक्षिणी दिल्ली के शाहीनबाग स्थित बाटला हाउस में छिपे हुए हैं। पुलिस ने आतंकियों को घेर लिया इस दौरान मुठभेड़ में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए थे। आतंकी शहजाद अहमद को 2013 में सजा हुई थी और 2018 में आरिज खान को गिरफ्तार किया गया था। जबकि इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा इस मुठभेड़ में शहीद हो गए थे।
Batla House encounter case-Ariz Khan