वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वजूखाने का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने वाली याचिका पर जिला जज की अदालत में गुरुवार को होने वाली सुनवाई एक अधिवक्ता के निधन के चलते टल गई। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 19 अक्टूबर को होगी।
मां शृंगार गौरी केस की वादिनी राखी सिंह ने अपने अधिवक्ताओं के जरिए 29 अगस्त को कोर्ट में याचिका दायर की थी। 64 पेज की इस याचिका में राखी सिंह ने सील वजूखाने के एएसआई सर्वे की मांग की है। प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतेजामिया कमेटी की तरफ से जिला जज की अदालत में आपत्ति भी दाखिल की गई है।
प्रतिवादी पक्ष का तर्क है कि सुप्रीम कोर्ट के 17 मई 2022 के आदेश से वजूखाने को संरक्षित व सील किया गया है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के इतर जाकर वजूखाने के एएसआई सर्वे के लिए आदेश नहीं दिया जा सकता। प्रतिवादी पक्ष का कहना है कि इस प्रार्थना पत्र में एएसआई को पार्टी बनाना गलत है। जिला जज की अदालत ने इस याचिका पर सुनवाई के लिए आज 12 अक्तूबर की तिथि नियत की थी। लेकिन आज सुनवाई 19 अक्टूबर तक के लिए टल गई है।
उधर, व्यासजी तहखाने में पूजा पाठ की अनुमति देने की याचिका पर भी गुरुवार को होने वाली सुनवाई टल गई। ज्ञानवापी परिसर में व्यासजी तहखाने में एएसआई का सर्वे लगातार चल रहा है। इस परिसर को काफी लंबे समय बाद खोला गया, तो सोमनाथ व्यास (व्यास जी) के पौत्र शैलेन्द्र कुमार व्यास ने पूजा करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके साथ ही विराजमान नंदी के सामने गेट को खुलवाकर आवागमन की बात भी कही। याचिका के मामले में जिला जज की अदालत ने सुनवाई टाल दी। ज्ञानवापी मूलवाद के अलावा राखी सिंह की ओर से दाखिल एक अन्य याचिका पर सुनवाई अब 19 अक्टूबर को होगी।