सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली दंगा मामले में उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दिया है। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला त्रिवेदी की बेंच ने जमानत याचिका पर एक नवंबर को सुनवाई करने का आदेश दिया। बता दें, उमर खालिद को 2020 के दिल्ली दंगों के पीछे कथित बड़ी साजिश के मामले में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वो जेल में है। हाई कोर्ट से जमानत नहीं मिलने के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई को दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। इससे पहले 18 अक्टूबर 2022 को दिल्ली हाई कोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
उमर खालिद का नाम साजिश की शुरुआत से लेकर दंगा होने तक आता रहा
हाई कोर्ट ने कहा था कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा दिसंबर 2019 और फरवरी 2020 के बीच हुई बैठकों का नतीजा थी, जिनमें उमर खालिद भी शामिल हुआ था। उमर खालिद का नाम साजिश की शुरुआत से लेकर दंगा होने तक आता रहा। उमर खालिद व्हाट्सऐप ग्रुप DPSG और मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑफ जेएनयू का सदस्य था। उमर खालिद ने कई बैठकों में हिस्सा लिया। अगर चार्जशीट पर भरोसा किया जाए तो ये साजिश की ओर साफ-साफ इशारा कर रहे हैं।
”आम प्रदर्शन नहीं था बल्कि ये एक खतरनाक था”
हाई कोर्ट ने कहा था कि विरोध प्रदर्शन लोकतंत्र में होने वाले आम राजनीतिक प्रदर्शन की तरह नहीं था बल्कि ये एक खतरनाक था जिसके गंभीर परिणाम हुए। पुलिसकर्मियों पर और महिला प्रदर्शनकारियों पर हमला किया गया, जिससे इलाके में दंगा फैले जो निश्चित रूप से एक आतंकी कार्रवाई थी।
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