नई दिल्ली- विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत एक संप्रभु, स्वतंत्र और मान्य सीमाओं से सुरक्षित (फिलिस्तीन) चाहता है जो इजराइल के साथ अस्तित्व में रहे। इसके लिए भारत बातचीत का पक्षधर है लेकिन आतंक किसी भी तरह स्वीकार्य नहीं है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को साप्ताहिक पत्रकार वार्ता में इजराइल-फिलिस्तीन और हाल ही में हुए हमास के हमले से जुड़े प्रश्नों के उत्तर दिए। उन्होंने कहा कि भारत संघर्ष की स्थिति में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तय मानवीय दायित्वों के पालन का पक्षधर है। साथ ही आतंक के खिलाफ लड़ाई को हमेशा समर्थन देता है।
उन्होंने कहा कि भारत की इस समय प्राथमिकता अपने नागरिकों की सुरक्षा है। इसके लिए ऑपरेशन अजय के तहत पहली चार्टर्ड फ्लाइट आज इजराइल पहुंच जाएगी। इसमें 230 के आसपास नागरिकों को लेकर कल फ्लाइट भारत के लिए रवाना होगी। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर एयरफोर्स की भी मदद ली जाएगी।
बागची ने बताया कि इजराइल में 18 हजार भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से कुछ छात्र हैं। हमने वहां रह रहे भारतीयों को दूतावास में खुद को पंजीकृत कराने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि एक भारतीय के घायल होने की जानकारी है। उनकी धीरे-धीरे रिकवरी हो रही है। अभी तक भारतीयों के हताहत होने का कोई बड़ा समाचार नहीं है।
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साथ ही उन्होंने बताया कि गाजा पट्टी में 3 और वेस्ट बैंक में 12 भारतीय नागरिकों के होने की जानकारी है। वहां से निकासी को लेकर अभीतक कोई अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है।
विदेश मंत्रालय का यह बयान ऐसे समय आया है जब इज़रायल और फिलिस्तीन के बीच घमासान युद्ध छिड़ा हुआ है। एक तरफ इज़रायल, हमास आतंकियों को खत्म करने का प्रण लिए हुए है दूसरी तरफ कई मुस्लिम देशों के सहयोग से हमास भी इज़रायल पर लगातार हमले कर रहा है।
MEA Spokesperson on Israel Palestine conflict