UP News: प्रदेश सरकार ने गुरुवार को “उत्तर प्रदेश सड़क दुर्घटना जांच योजना 2023” की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत प्रदेश में सड़क दुर्घटना में तीन या तीन से ज्यादा लोगों की मृत्यु होने पर उसकी जांच एक समिति द्वारा की जाएगी। इन मामलों में समन्वय के लिए जिला और राज्य स्तर पर भी अलग-अलग समितियां गठित होंगी। गुरुवार को अधिसूचना के साथ ऐसे प्रारूप भी जारी किए गए हैं जिनके आधार पर जांच की जानी है। दुर्घटना से संबंधित विवरण इसी प्रारूप पर दर्ज किया जाएगा।
परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव एल. वेंकटेश्वर की ओर से जारी अधिसूचना में बताया गया कि प्रत्येक जिले में बनने वाली ‘दुर्घटना जांच समिति’ का नोडल अधिकारी सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी को बनाया गया है। कमिश्नरेट वाले जिलों में पुलिस उपायुक्त (यातायात) तथा शेष जिलों में पलिस उपाधीक्षक (यातायात) नोडल अधिकारी के सहायक होंगे। जिलों में यातायात निरीक्षक या पुलिस अधीक्षक द्वारा नामित इंस्पेक्टर या इससे ऊपर के अधिकारी इसके सदस्य होंगे। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता (प्रांतीय खंड) द्वारा नामित अभियंता और संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) भी सदस्य होंगे।
जिलाधिकारी के अनुमोदन पर ही इस समिति का गठित किया जाएंगा। इस तरह की बड़ी दुर्घटना होने पर थाना प्रभारी इसकी सूचना तत्काल समिति के सदस्यों को उपलब्ध कराएंगे। जिस सूचना के प्राप्त होते ही जांचकर्ता पुलिस अधिकारी को दुर्घटनास्थल पर जाना होगा। जिसके बाद समिति पांच दिनों के अंदर दुर्घटना की जांच रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए बैठक करेगी। जबकि जांच समिति के सदस्यों के बीच समन्वय तथा विवाद का समाधान करने के लिए डीएम की अध्यक्षता में ‘जिला स्तरीय समन्वय समिति’ भी गठित की जाएगी।
इसमें पुलिस, स्वास्थ्य, लोक निर्माण विभाग, परिवहन और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारी के अलावा एक सड़क सुरक्षा के लिए काम करने वाले किसी एनजीओ का प्रतिनिधि शामिल होंगा। इसके आलावा राज्य स्तर पर समन्वय के लिए परिवहन आयुक्त की अध्यक्षता में ‘राज्य स्तरीय समन्वय समिति’ गठित की जाएगी। जिसमें पुलिस महानिरीक्षक यातायात, लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष, अपर परिवहन आयुक्त प्रशासन और एनजीओ के प्रतिनिधि सदस्य शामिल होंगे। जबकि अपर परिवहन आयुक्त सड़क सुरक्षा सदस्य सचिव होंगे।
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