एशियन गेम्स (Asian Games) में मेडल्स पर कब्ज़ा ज़माने वाले खिलाडियों से आज जयंत चौधरी ने मेरठ में मुलाकात की। राष्ट्रीय लोक दल के नेता के मंच पर स्वर्ण पदक विजेता पारुल चौधरी ने खेल और खिलाड़ियों की सहायता करने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार की जमकर प्रशंसा की। इससे RLD नेता भौंचक्के रह गए।
मेरठ की कई खिलाड़ियों ने चीन में हुए एशियाई खेलों (Asian Games) में पदक जीते। PM नरेंद्र मोदी ने 10 अक्टूबर को पदक विजेताओं से मुलाकात की थी। इसी बीच प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने भी खेल और खिलाड़ियों को पूरी मदद देने का आश्वासन दिया था। राजनैतिक दांव चलते हुए राष्ट्रीय लोकदल RLD के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी सोमवार को पदक विजेताओं को सम्मानित करने के लिए मेरठ पहुंचे। कार्यकर्ताओं ने स्थान-स्थान पर अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का जोरदार स्वागत किया।
जयंत चौधरी रुड़की रोड पर एकता नगर में स्थित एथलीट किरण बालियान के आवास पर पहुंच कर उन्हें बधाई दी। उन्होंने किरण को मिठाई खिलाई और आशीर्वाद दिया। जयंत ने कहा कि किरण बालियान हजारों नौजवानों के लिए उम्मीद की किरण बनने का काम करेगी। वह अपनी सांसद निधि का अधिकांश भाग खिलाड़ियों और खेल सुविधाओं के विकास के लिए खर्च कर रहे हैं। इसके बाद जयंत चौधरी ने इकलौता गांव में आयोजित सममान समारोह में स्वर्ण और रजत पदक जीतने वाली पारुल चौधरी को सम्मानित किया।
रालोद के मंच पर PM मोदी CM योगी की तारीफ
राष्ट्रीय लोकदल RLD के मंच पर बोलते हुए पारुल चौधरी ने खेल और खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ की जमकर प्रशंसा की। पारुल ने कहा कि भारत सरकार खेलों को प्रोत्साहन दे रही है और CM योगी आदित्यनाथ ने खिलाड़ियों को DSP की नौकरी देने का एलान किया है। इस तरह के आयोजनों से खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ता है। उनका लक्ष्य ओलंपिक में पदक जीतने का है। इससे मंच पर मौजूद जयंत चौधरी और अन्य रालोद नेता भी भौंचक्के रह गए। इसके बाद जयंत चौधरी ने बहादुरपुर गांव में जाकर स्वर्ण जीतने वाली एथलीट अन्नू रानी को सम्मानित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
मीडिया से बातचीत करते हुए जयंत चौधरी ने केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान पर जमकर निशाना साधा। संजीव बालियान के पश्चिमी UP को अलग प्रदेश बनाने के बयान पर जयंत ने कहा कि जनता की पंचायत न करके पहले अपने घर में पंचायत करें कि क्या करना है? सरकार इनकी है। जनप्रतिनिधि इनके हैं। यही बात कहकर चुनाव जीतकर आए। अब 10 साल बाद हिसाब नहीं देना चाह रहे हैं।
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