भारत लगातार अंतरिक्ष में नयी कामियाबी की तरफ अपने कदम बढ़ा रहा है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) की प्रगति का आकलन करने और अंतरिक्ष अन्वेषण के भारत के प्रयासों के भविष्य की रूपरेखा तैयार करने से संबंधित एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
बता दें भारत गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) 2025 में लॉन्च करेगा। वहीं, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन 2035 तक स्थापित किये जाने की योजना है। PMO ने सोमवार को यह जानकारी दी। PM नरेंद्र मोदी ने मंगलवार 17 अक्टूबर को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिकों के साथ एक अहम बैठक की। इस मीटिंग में 21 अक्टूबर को भारत के पहले ह्यूमन स्पेस फ्लाइट मिशन ‘गगनयान’ के क्रू एस्केप सिस्टम की टेस्टिंग की तैयारियों की जानकारी ली। PMO ने बताया कि भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान 2025 में लॉन्च होने की संभावना है।
2040 तक चंद्रमा पर मानव भेजने की योजना
बैठक में PM मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों से कहा कि हमें 2035 तक अपना स्पेस स्टेशन बनाने और 2040 तक चंद्रमा पर मानव भेजने की योजना पर काम करना चाहिए।
इस विजन को साकार करने के लिए अंतरिक्ष विभाग चंद्रमा के अन्वेषण की योजना तैयार करेगा। इसमें चंद्रयान मिशनों की श्रृंखला, अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण वाहन (NGLV) का विकास, एक नए लॉन्च पैड का निर्माण, मानव-केंद्रित प्रयोगशालाओं और संबंधित प्रौद्योगिकियों की स्थापना किया जाना शामिल होगा।
PM मोदी के समक्ष स्पेस डिपार्टमेंट ने ह्यूमन-रेटेड लॉन्च व्हीकल और सिस्टम क्वालिफिकेशन जैसी अब तक विकसित की जा चुकी विभिन्न प्रौद्योगिकियों सहित गगनयान मिशन का व्यापक विवरण प्रस्तुत किया। इस बात पर गौर किया गया कि ह्यूमन रेटेड लॉन्च व्हीकल (HLVM3) के 3 अनक्रूड मिशनों सहित लगभग 20 प्रमुख परीक्षणों की योजना बनाई गई है। क्रू एस्केप सिस्टम टेस्ट व्हीकल की पहली प्रदर्शन उड़ान 21 अक्टूबर को निर्धारित की गई है। बैठक में 2025 में मिशन के लॉन्च की पुष्टि करते हुए इसकी तैयारी का मूल्यांकन किया गया।
प्रधानमंत्री ने भारतीय वैज्ञानिकों से वीनस ऑर्बिटर मिशन और मार्स लैंडर सहित अंतर-ग्रहीय मिशनों की दिशा में काम करने का भी आह्वान किया।
PM मोदी ने भारत की क्षमताओं पर विश्वास व्यक्त करते हुए अंतरिक्ष अन्वेषण में नई ऊंचाइयां छूने की देश की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
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