उत्तर प्रदेश में नारी की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को लेकर योगी सरकार ने मिशन शक्ति के चौथे चरण के साथ इस दिशा में और मजबूती से कदम उठाए हैं। इसी क्रम में सेफ सिटी परियोजना के तहत 17 नगर निगम और गौतमबुद्धनगर में महिला-बेटियों की सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। वहीं इन शहरों में व्यावसायिक गतिविधियों और संस्थानों की संख्या को देखकर निजी सुरक्षा एजेंसियों के कर्मचारियों को भी प्रशिक्षित किया गया है।
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राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि योगी सरकार ने सेफ सिटी परियोजना में प्रदेश के 17 नगर निगम और गौतमबुद्धनगर में रजिस्टर्ड निजी सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका को अहम माना है। इन शहरों में रजिस्टर्ड निजी सुरक्षा एजेंसियों को चिह्नित किया गया है। निजी सुरक्षा एजेंसियों के मामले में गाजियाबाद पहले, कानपुर दूसरे, मेरठ तीसरे, गौतमबुद्धनगर चौथे और बरेली पांचवें स्थान पर है।
प्रवक्ता ने बताया कि इन शहरों में औद्योगिक प्रतिष्ठानों और कॉर्पाेरेट सेक्टर के दफ्तरों की बढ़ती संख्या की वजह से निजी सुरक्षा एजेंसियों की संख्या में इजाफा हो रहा है, इसीलिए इनका सेफ सिटी परियोजना में भी उपयोग किया जाएगा। इसके लिए एजेंसियों के कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर उनकी सहभागिता और सक्रियता को बढ़ाया जा रहा है।
प्रदेश में 712 निजी सुरक्षा एजेंसियां रजिस्टर्ड हैं। बीते तीन माह में 48 गोष्ठियों में 124 एजेंसियों के 771 कर्मियों ने हिस्सा लिया, जिसमें से 12 कर्मियों को अच्छे कार्यों के लिए पुरस्कृत भी किया गया। उन्होंने बताया कि निजी सुरक्षा एजेंसियों के सुरक्षाकर्मी इन शहर के हॉट स्पॉट पर नजर रखेंगे। वह शहर की कॉलोनियों, मोहल्लों और हाउसिंग सोसाइटी के आसपास के अंधेरे इलाकों में महिलाओं और बालिकाओं के साथ होने वाली छेड़खानी की सूचना तत्काल पुलिस को देंगे।
गाजियाबाद में निजी सुरक्षा एजेंसियों की संख्या 178, कानपुर में 101, मेरठ में 98, गौतमबुद्धनगर में 74, बरेली में 67, लखनऊ में 55, प्रयागराज में 42, आगरा में 23, सहारनपुर में 23, अलीगढ़ में 15, मुरादाबाद में 15, शाहजहांपुर में 6, झांसी में 6, वाराणसी में 3, अयोध्या में 3, मथुरा में 3 एजेंसियां रजिस्टर्ड हैं। गोरखपुर और फिरोजाबाद में कोई भी एजेंसी रजिस्टर्ड नहीं है।