मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के 35वें दीक्षांत समारोह में यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल शामिल हुईं। विश्वविद्यालय के नेताजी सुभाष चन्द्र बोस प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम में 190 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल एवं उपाधि वितरित की गई। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि बेटा-बेटी के बीच सामाजिक भेदभाव को त्यागकर अभिभावकों को बेटी की प्रगति में सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बेटियां अब किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है।
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समारोह में राज्यपाल ने प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को फल, पुस्तक किट एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को बच्चों के लिए किट का वितरण किया। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला द्वारा कुलाधिपति, मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि को स्मृति चिन्ह दिए गए। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने कहा कि कुल मेडल प्राप्त छात्र-छात्राओं में 70 प्रतिशत से अधिक मेडल बेटियों ने पाए हैं। उन्होंने कहा कि जो बेटा और बेटी में भेदभाव करते हैं, यह उनके लिए साफ संदेश है।
कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने कहा कि इस विश्वविद्यालय का नाम पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर रखा गया है। भारत के इतिहास में मेरठ का स्थान सिर्फ एक शहर का नहीं है, बल्कि मेरठ हमारी संस्कृति, हमारे सामर्थ्य का महत्वपूर्ण केन्द्र रहा है। मेरठ क्षेत्र ने रामायण, महाभारत काल से लेकर जैन तीर्थंकरों, पंच प्यारों में से एक भाई धर्म सिंह ने अपने देश की आस्था को ऊर्जावान किया है।
उन्होंने कहा कि मेरठ,, हॉकी के खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की कर्मस्थली भी रही है। उन्हीं के नाम पर सरकार द्वारा खेल विश्वविद्यालय का निर्माण कराया जा रहा है। मेरठ खेल के सामान का बहुत बड़ा बाजार है तथा मेरठ को भारत का खेल शहर भी कहा जाता है।
राज्यपाल ने कहा कि मेरठ के आर्थिक एवं सामजिक महत्व को देखते हुए सरकार द्वारा आरआरटीएस एवं एयर-वे विकसित किया जा रहा है, जिससे यहां के उत्पाद देश के विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ विदेशों में भी आसानी से पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने नैक रैकिंग में ए प्लस प्लस प्राप्त किया है तथा क्यूएस रैकिंग के लिए प्रदेश के विश्वविद्यालयों द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। विश्वविद्यालय ने साउथ एशिया में क्यूएस रैकिंग में 219वां स्थान प्राप्त किया है।