New Delhi: दिल्ली
आबकारी घोटाला के (CBI) से जुड़े मामले
में गुरुवार को दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया राऊज एवेन्यू कोर्ट
में पेश हुए। राऊज एवेन्यू कोर्ट को बताया गया कि मनीष सिसोदिया
की जमानत अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा हुआ है।
कोर्ट ने (CBI) को मामले में आरोपियों को तीनों चार्जशीट से जुड़े दस्तावेजों की कॉपी देने का
निर्देश दिया। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 22 नवंबर तक के लिए
टाल दी हैं।
कोर्ट ने 20
सितंबर को (CBI) चार्जशीट से जुड़े दस्तावेज सिसोदिया को उपलब्ध कराने का
निर्देश भी दिया था।
22 अगस्त को कोर्ट ने सिसोदिया को विधायक निधि से विकास कार्यों
के लिए पैसा जारी करने की इजाजत दे दी थी। 25
अप्रैल को (CBI) ने इस मामले को लेकर दिल्ली में पूरक
चार्जशीट दाखिल की थी।
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(CBI) ने पूरक चार्जशीट
में सिसोदिया के अलावा बुची बाबू, अर्जुन पांडेय और अमनदीप ढल को आरोपित बनाया है। बुची बाबू
तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसी राव की बेटी कविता के (CEA) रह चुके हैं।
सिसोदिया को (CBI) ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था।
(CBI) ने 25 नवंबर 2022 को पहली चार्जशीट दाखिल की थी। कोर्ट ने 15 दिसंबर 2022 को पहली चार्जशीट
पर संज्ञान लिया था।
कोर्ट ने आरोपितों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (B) और भ्रष्टाचार
निरोधक कानून की धारा 7, 7(B) और 8 के तहत आरोप तय
किए थे। कोर्ट ने पहली चार्जशीट पर संज्ञान लिया है, जिसमें कुलदीप सिंह, नरेंद्र सिंह, विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, अरुण रामचंद्र
पिल्लै, मुत्थू गौतम और
समीर महेंद्रू शामिल हैं।
आपको बता दें कि, दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शराब नीति को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को लेकर काफी दिनों से जेल में बंद हैं। उन पर दिल्ली सरकार की नई शराब नीति के तहत शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने का आरोप है।