वाराणसी- (ज्ञानवापी) परिसर में स्थित सील वजूखाने की ए.एस.आई. से सर्वे कराने वाली याचिका पर गुरुवार को जिला जज की अदालत में सुनवाई पूरी हो गई। इस मामले में न्यायालय 21 अक्टूबर को अहम फैसला सुनाएगा। वादिनी राखी सिंह की तरफ से उनके अधिवक्ताओं द्वारा दाखिल याचिका पर जिला जज ने दोनों पक्ष की दलीलें सुनीं। मां श्रृंगार गौरी की वादिनी राखी सिंह ने बीते 29 अगस्त 2023 को ज्ञानवापी के सील वजूखाने के एएसआई सर्वे के लिए 64 पृष्ठ का आवेदन अपने अधिवक्ताओं के जरिए न्यायालय में दाखिल किया था।
प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ताओं ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई। प्रतिवादी पक्ष का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के परे जाकर वजूखाने के ए.एस.आई. सर्वे के लिए आदेश नहीं दिया जा सकता। ए.एस.आई. सर्वे को लेकर वाराणसी कोर्ट की ओर से ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने को छोड़कर अन्य भागों का सर्वे कराने का आदेश दिया था। इसी आदेश को इलाहाबाद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा।
ज्ञानवापी के वजूखाने में एडवोकेट कमिश्नर की ओर से कराए गए सर्वे के दौरान 16 मई 2022 को शिवलिंग की आकृतिनुमा संरचना मिली थी। वादी हिंदू पक्ष ने इसे शिवलिंग बताया। वहीं, प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा बताता रहा। विवाद गहराने पर सुप्रीम कोर्ट ने इस स्थल को सील करने का आदेश दिया है। वहां पर सुरक्षा बलों की प्रतिनियुक्ति की गई है। राखी सिंह की ओर से दायर याचिका में वजूखाने का सर्वे कराने की मांग की गई है।
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उल्लेखनीय है कि मंदिर को तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद बनाने और परिसर के अंदर मंदिर के अवशेष होने की बातें लम्बे समय से की जा रही हैं। इसी कड़ी में राखी सिंह सहित 3 महिलाओं ने कोर्ट में वाद दायर कर परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी की पूजा की पूजा की अनुमति मांगी थी। उनका कहना था कि 1992 से पहले मां श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा होती थी। हालांंकि इस मामले पर अभी कोई निर्णय नहीं आया है।
Hearing completed on petition for survey by ASI