गगनयान मिशन के लिए पहली परीक्षण उड़ान की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग हो गई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता और आदित्य एल-1 के प्रक्षेपण के बाद लोगों को अंतरिक्ष में भेजने के भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन का टेस्ट व्हीकल लॉन्च कर दिया है। इसरो ने रविवार सुबह 10 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से गगनयान के क्रू मॉडल को लॉन्च किया। इसे टेस्ट व्हीकल अबॉर्ट मिशन-1 और टेस्ट व्हीकल डेवलपमेंट फ्लाइंट (TV-D1) भी कहा जा रहा है।
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मिशन के टेस्ट व्हीकल की आज शनिवार को लॉन्चिंग हुई, जिसे तकनीकी कारणों की वजह से टाल दिया गया था। भविष्य के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रमों को देखते हुए अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा का परीक्षण करने के लिए इसरो ने शनिवार को मानव रहित उड़ान का परीक्षण किया। टेस्ट व्हीकल अबार्ट मिशन-1 (TV-D1) के जरिए पहला क्रू मॉडल का परीक्षण किया गया है।
परीक्षण के तहत तरल ईंधन पर चलने वाले सिंगल स्टेज रॉकेट के साथ गगनयान के क्रू मॉडल को अंतरिक्ष में भेजा गया है। उड़ान के करीब एक मिनट बाद 12 से 17 किमी की ऊंचाई पर अभियान को रद्द करने की कमांड दी जाएगी। इस कमांड के साथ ही क्रू एस्केप सिस्टम सक्रिय हो जाएगा और 90 सेकंड में यह क्रू मॉडल से अलग हो जाएगा। इसके बाद क्रू मॉडल वापस पृथ्वी पर लौटेगा।
पैराशूट की मदद से क्रू मॉडल तय कॉर्डिनेट्स के हिसाब से श्रीहरिकोटा से 10 किमी दूर बंगाल की खाड़ी में उतरेगा। जहां भारतीय नौसेना की एक गोताखोर टीम और जहाज पहले से तैनात होंगे और क्रू मॉडल को पानी से बाहर निकालेंगे। लॉन्च से लेकर क्रू मॉडल के बंगाल की खाड़ी में उतरने तक करीब 9 मिनट का समय लगेगा। उड़ान के दौरान टेस्ट व्हीकल का शीर्ष सापेक्ष वेग करीब 363 मीटर प्रति सेकंड तक पहुंच जाएगा।