उत्तर प्रदेश के मीरजापुर में महानवमी पर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने विंध्याचल धाम में माथा टेका। मुख्य सचिव शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि सोमवार को विंध्य दरबार पहुंचे। उन्होंने मां विंध्यवासनी का दर्शन-पूजन किया। साथ ही निर्माणाधीन विंध्य कॉरिडोर का निरीक्षण कर बारीकियां देखीं और नवम्बर के अंत तक निर्माण कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया।
मुख्य सचिव परिवार संग विंध्याचल धाम पहुंचे। मुख्य सचिव ने सबसे पहले मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन किया। फिर मंदिर परिक्रमा कर मां के पताका को नमन किया। इसके उपरांत जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर की निर्माण प्रगति की जानकारी ली।
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम द्वारा निर्माणाधीन विंध्य कॉरिडोर की कुल स्वीकृत लागत 40.19 करोड़ के सापेक्ष 3668.76 लाख धन अवमुक्त किया गया, जिसके सापेक्ष 2681.73 लाख विभिन्न कार्यों में व्यय किया गया। कॉरिडोर की भौतिक प्रगति 85 प्रतिशत है।
DM ने बताया कि पुरानी VIP मार्ग 440 मीटर, न्यू VIP मार्ग 140 मीटर, पक्का घाट मार्ग 135 मीटर, कोतवाली गली मार्ग 443 मीटर तथा सभी चारों मार्गों पर चार मुख्य द्वार का निर्माण कराया जा रहा है। साथ ही मन्दिर जाने वाले मार्गों को जोड़ने वाले पहुंच मार्गों के सुदृढ़ीकरण एवं मुख्य द्वार निर्माण के प्रगति की जानकारी दी। परकोटा एवं परिक्रमा पथ के निर्माण प्रगति के बारे में भी बताया।
काशी कॉरिडोर की तर्ज हो रहा विंध्य कॉरिडोर का निर्माण
निर्माण कार्य में इंट्रेट प्लाजा के अन्तर्गत टाॅयलेट ब्लाक, फ्रिस्किंग क्लाक रूम, यज्ञशाला, VIP सेफ हाउस, यूजी टैंक एवं पम्प रूम, फसाड कार्य, प्रवेश व निकास गेट निर्माण, परकोटा टैरेस आदि कार्यों की जानकारी दी। विंध्य कॉरिडोर का निर्माण काशी कॉरिडोर की तर्ज पर कराया जा रहा है। कॉरिडोर का निर्माण हो जाने के बाद सुरक्षा के साथ यहां पर देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को सहूलियत होगी। मुख्यमंत्री योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक विंध्य कॉरिडोर को भव्य स्वरूप देने के लिए अहरौरा के गुलाबी पत्थरों का प्रयोग किया जा रहा है। इन पत्थरों को पहले राजस्थान भेजा जा रहा है। फिर वहां से तराशकर आने के बाद पत्थर कॉरिडोर में इस्तेमाल किया जा रहा है।
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