गुरुग्राम में दूसरी बार राष्ट्रीय स्तर का सरस आजीविका मेला आगामी 26 अक्टूबर से 11 नवंबर तक सेक्टर-29 स्थित लेजरवैली ग्राउंड में लगाया जाएगा। मेले में देश के 28 राज्यों से आई स्वयं सहायता समूह की 800 महिलाएं अपनी कला एवं संस्कृति से जुड़े हस्तनिर्मित उत्पादों की स्टॉल लगाएंगी। उनकी हस्तकला का यहां प्रदर्शन होगा। सोमवार को यह जानकारी केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव स्वाति शर्मा ने मीडिया को दी।
अलग-2 विषयों पर कार्यशाला भी होगी आयोजित
उन्होंने बताया कि यहां ‘स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए रोजाना अलग-2 विषयों पर कार्यशाला भी आयोजित की जाएंगी, ताकि वे अपने उत्पादों की बिक्री करने व मार्किटिंग आदि के स्किल विकसित करके ज्यादा मुनाफा कमा सकें। मेले में आमजन के लिए प्रवेश बिल्कुल नि:शुल्क रखा गया है। मेला प्रतिदिन सुबह 11 बजे से लेकर सांय 9:30 बजे तक खुला रहेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन व राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के संयुक्त प्रयासों से स्वयं सहायता समूह की महिला के जीवन में जो व्यापक बदलाव आ रहे हैं। सरस मेला उसका जीवंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में अभी देश की कुल 9.7 करोड़ महिलाएं जुड़ी हैं। जिसे जल्द ही 10 करोड़ की संख्या के पार ले जाने का लक्ष्य है।’
यहाँ आने वाले लोगों को मिनी भारत के दर्शन होंगे
उन्होंने कहा कि ‘सरकार का प्रयास है कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें सही समय पर निर्धारित मात्रा में फण्ड उपलब्ध कराए जाएं। जिसमे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सर्कुलर भी बेहतर सहयोग कर रहे हैं। स्वाति शर्मा ने कहा कि स्वयं सहायता समूह की दीदियों की आर्थिक उन्नति से बैंकों का भी उन पर विश्वास बढ़ा है। जिसके चलते विभिन्न राज्यों में आज एनपीए यानि नॉन-परफॉर्मिंग एसेट दो प्रतिशत से भी कम है। खाने-पीने के शौकीन लोगों के लिए अलग-2 राज्यों के लाइव फूड स्टॉल अलग से लगाए जाएंगे। इस मेले में आने वाले लोगों को मिनी भारत के दर्शन होंगे, जहां पर अलग-2 राज्यों के लोकप्रिय उत्पादों के अलावा स्वादिष्ट व्यंजन मिलेंगे और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से वहां की संस्कृति को जानने व समझने का पूरा अवसर मिलेगा।’
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