Agra News: आगरा के ताजगंज के रामरघु कॉलोनी निवासी बैंक प्रबंधक सचिन उपाध्याय हत्याकांड में पुलिस की छानबीन में चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। पत्नी ने पति की लाश को फ्लैट में 17 घंटे तक छिपाकर रखा और मौत की भनक पड़ोसियों तक को नहीं लगने दी। यहां तक कि पत्नी ने घरेलू नौकरानी से खाना बनवाया था। पत्नी ने 12 अक्तूबर को पड़ोसी के मोबाइल से अपने पिता से बातचीत की थी।
अब पुलिस हत्या में नामजद ससुर और पत्नी की तलाश में जुटी है। पुलिस ने कॉलोनी में छानबीन की तो पता चला कि मुन्नी और रजनी नाम की दो कामवाली महिलाएं सचिन के घर काम करती थीं। एक साफ-सफाई और दूसरी खाना बनाती थी। घर पर 12 अक्तूबर को दोनों कामवाली पहुंचीं तो सचिन की पत्नी प्रियंका ने कढ़ी-चावल और रोटियां बनवाईं। जबकि इस दौरान पति की लाश घर के एक कमरे में बंद थी।
जिसके अगले दिन 12 अक्तूबर की सुबह प्रियंका करीब 11 बजे पड़ोसी के घर पहुंची थी। उनसे मोबाइल मांगा और बताया कि उसके मोबाइल की स्क्रीन टूट गई है। पिता से बात करनी है। उस समय सचिन का मोबाइल भी घर में था। लेकिन प्रियंका ने पति के मोबाइल से अपने पिता को फोन नहीं किया और पड़ोसी से फोन लेकर पिता से दो बार बातचीत की थी। पिता से क्या बातचीत हुई थी। यह साफ नहीं है। जिसके बाद पुलिस प्रियंका की तलाश में जुटी है।
सचिन के पिता केशवदेव शर्मा और परिजनों ने आरोप लगाया कि कालोनी में सीसीटीवी नहीं लगे होते तो बेटे की लाश भी नहीं मिल पाती। सीसीटीवी की वजह से लाश को गायब करने की हिम्मत नहीं जुटाई गई। कई घंटे की प्लानिंग और साक्ष्य नष्ट करने के बाद खुदकुशी की सूचना पुलिस को दी गई थी। इस साजिश में समधी बृजेंद्र रावत भी शामिल थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार उनके बेटे की हत्या 11 अक्तूबर की रात हो गई थी। जिस कमरे में लाश थी। उसमें प्रियंका ने ताला लगा दिया था।