कानपुर- हैलट अस्पताल के बाल रोग विभाग में थैलेसीमिया (Thalassemia) से पीड़ित 14 बच्चों को एच.आई.वी. और हेपेटाइटिस B-C संक्रमित ब्लड चढ़ा दिया गया। इससे बच्चे एच.आई.वी. और हेपेटाइटिस से पीड़ित हो गए। इसका खुलासा तब हुआ जब चार दिन पूर्व गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कालेज (GSVM MEDICAL COLLEGE) यानी हैलट अस्पताल में थैलेसीमिया से पीड़ित 180 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई।
इस मामले में बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार आर्य के बयान को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य ने गलत ठहराया है। हालांकि स्क्रीनिंग में 12 बच्चे हेपेटाइटिस और दो बच्चे एचआईवी पॉजिटिव बताए जा रहें है। इस संबंध में प्रधानाचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि डॉ अरुण कुमार आर्य पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए सरकार से संस्तुति कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक को भी पूरे मामले से अवगत करा दिया गया है। प्रधानाचार्य ने बताया कि 2019 के बाद से HIV, HCV और HBsAG थैलेसीमिया का कोई मरीज नहीं आया है। बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ अरुण कुमार आर्या की बयानबाजी पूरी तरह से निराधार है। उन्होंने बताया कि 2014, 2019 में 1-1 HIV, जबकि हेपेटाइटिस के 2014 में 2, 2016 में 2 और 2019 में 1 मरीज पाया गया था। 2019 के बाद से कोई भी मरीज नहीं पाया गया।
यह भी पढ़ें- UP: हर जरूरतमंद को मिले आवास व इलाज की सुविधा: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
उल्लेखनीय है कि थैलेसीमिया पीड़ित 14 बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाए जाने का मामला ज़ोर पकड़ता जा रहा है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला तर्क देकर भले ही मामले में लीपापोती करने का प्रयास कर रहे हों लेकिन पहले से थैलेसीमिया जैसे असाध्य रोग से पीड़ित बच्चे एक और बीमारी से ग्रस्त हो गए हैं। ऐसे में विपक्ष सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं चूक रहा, फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। The case of 14 child found in Hallett Hospital is baseles