मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में तीमारदारों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटने वाले जूनियर डॉक्टरों पर कानून का शिकंजा कस गया है। इस मामले में यूपी के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के संज्ञान लेने के बाद पुलिस ने अब 4 आरोपी जूनियर डॉक्टरों अब्दुल मन्नान, अभिषेक वर्मा, आदित्य यादव और अंशुल मित्तल पर एससी-एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई की है।
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दरअसल कमालपुर गांव में चारा काटने की मशीन में पांच साल के बच्चे कुणाल का हाथ कट गया था। परिजन उसे लेकर लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में ले गए,, जहां उन्होंने जूनियर डॉक्टरों से बच्चे का इलाज करने की गुहार लगाई। इसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने बच्चे के तीमारदारों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। डॉक्टरों ने महिलाओं को भी नहीं बख्शा। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने के बाद भी पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
इस मामले में पहले तीन जूनियर डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया था। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक द्वारा मामले का संज्ञान लेने के बाद मेडिकल थाना पुलिस नींद से जागी और उसे मजबूरन मामले को गंभीरता से लेना पड़ा।
पहले पुलिस ने अज्ञात जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद पीड़ित पक्ष ने भी मामले में कार्रवाई ना होने का आरोप लगाया। पुलिस ने वायरल वीडियो के आधार पर चार जूनियर डॉक्टर अब्दुल मन्नान, अभिषेक वर्मा, आदित्य यादव और अंशुल मित्तल को चिन्हित करके उनके खिलाफ मारपीट, बलवे के साथ ही एससी-एसटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
पूरे मामले की जांच उप निरीक्षक स्तर से लेकर सीओ को भेज दी गई है। इससे पहले मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आर सी गुप्ता द्वारा तीन जूनियर डॉक्टर अभिषेक वर्मा, अब्दुल मन्नान और आदित्य यादव को घटना की रात ही निलंबित कर दिया गया था। उधर, प्रिंसिपल द्वारा बनाई गई जांच समिति भी मामले की छानबीन में जुटी है। जल्दी ही समिति अपनी रिपोर्ट प्रिंसिपल को सौंप देगी।