अयोध्या में दीपोत्सव-2023 को ऐतिहासिक बनाने के लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इसी क्रम में आज शुक्रवार को डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल ने सरयू नदी के तट पर बने राम की पैड़ी पर मुख्य यजमान के रूप में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन-अर्चन किया। सरयू मन्दिर के पुजारी नेत्रजा मिश्र ने दीपोत्सव की सफलता के लिए काफी विधि-विधान से पूजा कराई।
ये भी पढ़ें- UP: अब पराली से CNG और जैविक खाद का होगा उत्पादन, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
इससे पहले कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल ने सरयू नदी में जलाभिषेक करने के साथ-साथ दीपोत्सव के सफल आयोजन के लिए मंगल कामना की। उनके साथ अयोध्या के महापौर गिरीशपति त्रिपाठी, विश्वविद्यालय के कुलसचिव डाॅ. अंजनी कुमार मिश्र, परीक्षा नियंत्रक उमानाथ उपस्थित रहे। इनके अलावा दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो. संत शरण मिश्र, प्रो. चयन कुमार मिश्र, प्रो. नीलम पाठक, प्रो. शैलेन्द्र वर्मा, प्रो. सिद्धार्थ शुक्ला, प्रो. गंगाराम मिश्र, डाॅ. अवध नारायण और डाॅ. सुरेन्द्र मिश्र सहित बड़ी संख्या में शिक्षक और कर्मचारी शामिल रहे।
इस खास मौके पर कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश शासन व अवध विश्वविद्यालय के सहयोग से दीपोत्सव को ऐतिहासिक बनाया जाएगा। इसमें 24 लाख से अधिक दीए सजाने के साथ-साथ 21 लाख दीए प्रज्ज्वलित भी किए जाएंगे। इसके लिए आवासीय परिसर, संबद्ध महाविद्यालयों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के 25 हजार से अधिक वॉलंटियर्स लगाए जा रहे हैं।
विश्वविद्यालय द्वारा घाटों पर दीए बिछाए जाने की मार्किंग का कार्य सम्पन्न हो चुका है। सभी के सहयोग से सातवें दीपोत्सव में छठवीं बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया जाएगा।
इस मौके पर कुलपति ने बताया कि अयोध्या का प्रांतीय दीपोत्सव पूरी दुनिया में सांस्कृतिक छटा बिखेर रहा है। इस दीपोत्सव को लेकर भारतीय जनमानस सहित विश्वभर के लोग बड़ी उत्सुकता से प्रतीक्षारत हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन दीपोत्सव को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है। दीपोत्सव के वॉलंटियर्स व पदाधिकारी 11 नवम्बर को पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए विश्व पटल पर स्थापित करेंगे।