आज (शनिवार) मध्य रात्रि उपरांत 1 बजकर 5 मिनट से 2 बजकर 24 मिनट तक होने वाले खंडग्रास (चंद्र ग्रहण) का सूतक चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पूर्व शाम 4 बजकर 5 मिनट पर शुरू हो गया। सूतक लगते ही प्रदेश भर में मंदिरों के कपाट बंद हो गए।
श्री हरि ज्योतिष केंद्र के संचालक पं. सुरेंद्र शर्मा ने शनिवार को बताया कि आज मध्य रात्रि उपरांत 1 बजकर 5 मिनट से 2 बजकर 24 मिनट खंडग्रास चंद्र ग्रहण रहेगा। यह चंद्र ग्रहण अन्य देशों के अलावा भारत में भी दिखाई देगा। इस ग्रहण की अवधि एक घंटा 19 मिनट रहेगी।
खंडग्रास (चंद्र ग्रहण) से 9 घंटे पूर्व आज शाम 4 बजकर 5 मिनट से सूतक लग गया था। सूतक की शुरुआत होते ही मंदिरों के कपाट भी बंद हो गए। शास्त्रों के अनुसार ग्रहण काल से पूर्व भी सूतक माना जाता है और ग्रहण काल के बाद भी सूतक होता है। कुछ धर्माचार्यों का मानना है कि सूतक काल 6 घंटे का होता है जबकि कुछ का कहना है कि सूतक काल 9 घंटे का होता है। ग्रहण काल और सूतक काल में भगवान की पूजा अर्चना नहीं की जाती, बल्कि केवल नाम जप ही किया जाता है। सूतक काल के उपरान्त स्नान करके कर्मकाण्ड और पूजा अर्चना की जाती है।
यह भी पढ़ें- ईको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगी बाराबंकी के महादेवा की भगहर झील
पण्डितों और ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सभी ग्रहों में चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट हैं, इसलिए हमारे जीवन पर चंद्रमा का प्रभाव सबसे अधिक होता है और भगवान शिव चंद्रमा को अपने मस्तक पर धारण करते हैं इसलिए ग्रहण काल में भगवान शिव के मंत्रों का जाप करना श्रेष्ठ माना जाता है। पं.सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि यह ग्रहण भारत के साथ-साथ श्रीलंका, नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, अफगानिस्तान, चीन, मंगोलिया, कजाकिस्तान, रूस, ईरान, इराक, सऊदी, अरब सूडान, तुर्की, नाइजीरिया, अल्जीरिया, दक्षिण अफ्रीका, जर्मन, पोलैंड, यूक्रेन, फ्रांस, इटली, स्पेन, ब्रिटेन, नॉर्वे, स्वीडन, समेत पूरा यूरोप, थाईलैंड, मलेशिया, फिलिपींस, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, जापान, कोरिया तथा ब्राजील के पूर्वी भाग से भी देखा जा सकेगा।