शरद पूर्णिमा पर ठाकुर बिहारी जी के दर्शन करने के लिए मथुरा के वृंदावन में लाखों की संख्या में श्रद्वालु जमा हुए। शनिवार और रविवार को अवकाश के कारण कान्हा की नगरी वृंदावन में भक्तों की काफी भीड़ रही। यहां आने-जाने वाले सभी मार्गों पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारों के कारण जाम लगा रहा। शनिवार को बिहारी जी में श्रद्धालुओं को चांदी के सिंहासन पर जगमोहन में विराजमान होकर दर्शन दिए। चंद्र ग्रहण के कारण मंदिर में दर्शन के समय में बदलाव हुआ है।
ये भी पढ़ें- 3 नवंबर को बलिया दौरे पर रहेंगे CM योगी, डीएम ने तैयारियों में तेजी लाने के दिए निर्देश
चंद्र ग्रहण से पूर्व और उसके बाद दर्शन करने का विशेष महत्व होता है जिसके चलते बड़ी तादाद में भक्त वृंदावन आए हैं। शहर में ट्रैफिक को कंट्रोल करने में पुलिस के साथ-साथ ट्रैफिक पुलिस के पसीने छूट गए। वहीं, मथुरा-वृंदावन मार्ग पर डीएम और एसएसपी भी काफी देर जाम में फंसे रहे। मंदिर परिसर में भारी भीड़ की संख्या को देखते हुए जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह, एसएसपी शैलेश पांडे पुलिस फोर्स के साथ सुबह से ही बिहारी जी के मंदिर के आसपास निरीक्षण करते रहे और श्रद्धालुओं को एक-एक करके सुगमता से दर्शन कराए।
शरद पूर्णिमा के अवसर पर मंदिर परिसर के पूरे प्रांगण को सफेद दूधिया रंग में सजाया गया था। चारों तरफ गुब्बारे लगे हुए थे। दूर-दराज से आए श्रद्धालु ठाकुर बांके बिहारी के अद्भुत दर्शन कर आनंदित हो रहे थे, क्योंकि ठाकुर जी को शरद पूर्णिमा पर विशेष पोशाक धारण कराया गया था। बांके बिहारी के सिर पर मुकुट, बगलबंदी, कमर में बांसुरी शामिल थे।
चंद्र ग्रहण होने के कारण शनिवार शाम को ब्रज के सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए थे। बांके बिहारी मंदिर में शनिवार की सुबह 8:10 बजे श्रृंगार आरती और दोपहर 3:30 बजे भोग और फिर शयन आरती के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए, क्योंकि चंद्र ग्रहण में सूतक लगने के बाद ठाकुर जी के दर्शन नहीं होते हैं।