फिलिस्तीन के आतंकवादी संगठन हमास के 7 अक्टूबर को इजरायल पर किए गए आक्रमण के बाद उठ रही युद्ध की लपटों में गाजा पट्टी समेत कई देश उसमें झुलस रहे हैं। रविवार को गोलान हाइट्स की ओर किए गए रॉकेट हमले के जवाब में इजरायली वायुसेना ने दक्षिणी सीरिया के सैन्य ठिकानों पर रातभर ताबड़तोड़ हमला किया। इसके साथ ही उत्तरी गाजा में भी इजरायल की सेना का कहर जारी रहा।
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उत्तरी गाजा में आज सोमवार की सुबह कई स्थानों पर मिसाइल और रॉकेट दागे गए। इस बीच रूस ने अपने एक हवाई अड्डे को छह नवंबर तक के लिए बंद कर दिया है। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सीरिया की राजधानी डेमेस्कस में इजरायल के ताजा हमलों से निपटने की रणनीति तय की जा रही है।
इसके अलावा इजरायल ने गाजा पट्टी पर जमीनी हमला न करने की वैश्विक अपील को ठुकरा दिया है। इजरायल की सेना लगातार गाजा पट्टी पर मौजूद हमास के आतंकी ठिकानों को जमींदोज़ कर रही है। हमास नियंत्रित गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि सात अक्टूबर से सोमवार तक गाजा में मरने वालों की संख्या 8,000 से अधिक हो गई है। इसमें 3,342 बच्चे शामिल हैं।
एक रिपोर्ट्स में कहा गया कि रविवार को रूस के काकेशस गणराज्य के दागेस्तान में इजरायल के नागरिकों और यहूदियों की तलाश कर रही भीड़ ने मुख्य एयरपोर्ट पर कब्जा कर लिया है। भीड़ को आशंका थी कि इजरायल से एक उड़ान आ रही है। इस घटना के बाद रूस की विमानन एजेंसी ने कहा है कि भीड़ के हमले के बाद दागेस्तान का मुख्य हवाई अड्डा 6 नवंबर तक बंद रहेगा।
एक रिपोर्ट्स में सुबह उत्तरी इजरायल के सबसे बड़े शहर हाइफा में धमाका होने का दावा किया गया है। इजरायल डिफेंस फोर्सेज ने कहा कि सीरिया से दागे गए रॉकेट और मिसाइल खुले इलाकों में गिरे हैं। इससे कोई नुकसान नहीं हुआ है।
इस युद्ध के बीच व्हाइट हाउस के मुख्य सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा है कि मिस्र गाजा छोड़ने के इच्छुक अमेरिकियों और अन्य विदेशी नागरिकों को रास्ता देने को तैयार है,, लेकिन हमास इसमें बाधा बन रहा है। हमास इन लोगों को गाजा से बाहर नहीं जाने दे रहा। वह इसके लिए मांग रख रहा है।
एक अन्य रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि गाजा में हमास के पतन के बाद इजरायल ने यहां के नागरिकों को मिस्र के सिनाई प्रायद्वीप में स्थानांतरित करने की योजना को मूर्तरूप दिया है। यह क्षेत्र 1982 से 2000 तक इजरायल की सेना के कब्जे में रहा है। मगर मिस्र ने इजरायल की इस योजना पर कड़ी आपत्ति जताई है।