अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर निर्माणाधीन भव्य एवं दिव्य मंदिर के गर्भगृह में रामलला की 22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा के अगले 48 दिनों तक उनका विशेष पूजन होगा। राम सबके हैं,, इसलिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने योजना बनाई है कि गर्भगृह में रामलला के विराजमान होने के बाद उनकी पूजा का अवसर सबको मिलना चाहिए। इसके लिए 48 दिनों तक चलने वाले विशेष पूजा अनुष्ठान में देश के सभी प्रांतों के विद्वान अलग-अलग दिनों में आकर पूजा में सहभागी बनेंगे।
सम्पूर्ण देश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की रचना के अनुसार 48 प्रांत हैं। इसलिए एक दिन में एक प्रांत के 11 लोग आएंगे। इन 11 लोगों में धर्म एवं सेवा के क्षेत्र में कार्य करने वाले ऐसे लोग होंगे,, जो अपने-अपने बल पर समाज सेवा का कोई न कोई प्रकल्प चला रहे हों। 48 दिनों तक चलने वाला ये अनुष्ठान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि जी महाराज की देखरेख में संपन्न होगा।
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17 जनवरी को नगर भ्रमण पर निकलेंगे रामलला
तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला विराजमान होने से पहले 17 जनवरी को अयोध्या के नगर भ्रमण पर निकलेंगे। इस दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक हिस्सा लेंगे। नगर भ्रमण का रूट क्या होगा इसका निर्धारण 05 नवंबर को अयोध्या में होने वाली श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में होगा।
नगर भ्रमण के दौरान शोभा यात्रा के रथ में रखी जाने वाली श्रीराम की मूर्ति का निर्माण कारसेवकपुरम् में चल रहा है। ट्रस्ट के सदस्यों के अनुसार, कारसेवकपुरम् में तीन मूर्तियां बनाई जा रही हैं। इनमें से एक मूर्ति फाइनल की जाएगी। नगर भ्रमण के बाद उस मूर्ति को राम मंदिर के किसी स्थान पर स्थापित कर दिया जाएगा।
5 दिनों तक चलेगा प्राण प्रतिष्ठा का विशेष अनुष्ठान
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान पांच दिनों तक विशेष अनुष्ठान होगा। समारोह के अनुष्ठान का शुभारम्भ 17 जनवरी को रामलला के नगर भ्रमण के साथ होगा। जिसके अगले चार दिनों में जलाधिवास, अन्नाधिवास, शैयाधिवास और पुष्पाधिवास पूर्ण किए जाएंगे। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत समेत देश के विभिन्न हिस्सों से करीब 10 हजार प्रतिनिधि समारोह में शामिल होंगे।