New Delhi: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस कॉलेज के
प्लेटिनम जुबली संबोधन में भाग लिया। सम्बोधन के दौरान उन्होंने लैंगिक समानता पर चर्चा करते हुए कहा कि लैंगिक समानता किसी भी समानता के लिए सर्वोत्कृष्ट है। यदि लैंगिक
समानता नहीं है तो समाज में कोई समानता नहीं हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि यह
लैंगिक समानता सार रूप में होनी चाहिए और इसकी अभिव्यक्ति जमीनी हकीकत तक होनी चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस कॉलेज के
प्लेटिनम जुबली संबोधन में भारतीय संसद में महिलाओं की भूमिका विषय पर अपने भाषण
के दौरान यह बात कही। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि संसद में महिलाओं की
भूमिका बहुत बड़ी है। उनकी उपस्थिति अपने आप में विधानमंडलों में माहौल को
उत्साहित कर देगी। यह स्वीकार करते हुए कि महिलाएं अपने जीवन के अनुभवों और उनके
सामने आने वाली चुनौतियों को सामने लाने में सक्षम होंगी।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि इससे निश्चित रूप से
नीतियों के विकास में शासन को मदद मिलेगी। जिससे बड़े मुद्दों का समाधान होगा।
नारी शक्ति वंदन अधिनियम (महिला आरक्षण) के पारित होने के बाद इतिहास में एक युगांतकारी विकास बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह एक महान
विकास है, जो यह
सुनिश्चित करेगा कि 2047 में भारत जब अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएगा तब हम
शिखर पर होंगे।
यह उल्लेख करते हुए कि जब राज्यसभा ने महिला आरक्षण विधेयक पर
चर्चा की तो उन्होंने उच्च सदन का नेतृत्व करने के लिए 17 महिला सांसदों को चुना।
उपराष्ट्रपति ने छात्राओं से आह्वान किया कि वे कभी भी खुद को बैक बेंच या बैकफुट
पर न रहने दें। आज भारतीय महिलाएं वैश्विक
संस्थानों में शक्ति के पद पर आसीन हैं। जिससे हम सभी को बहुत गर्व हो रहा है।
भारत को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
बनने पर खुशी व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का
विकास मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा संचालित है। इस बीच प्रधानमंत्री के ‘वोकल फॉर लोकल’ के आह्वान को दोहराते हुए उपराष्ट्रपति
ने देश के विकास में आर्थिक राष्ट्रवाद के महत्व पर बल दिया। इससे पहले उपराष्ट्रपति ने कॉलेज के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाते हुए
स्मारक प्लेटिनम जुबली वॉल्यूम मिरांडा हाउस क्रॉनिकल्स का विमोचन किया।
इसके साथ ही उन्होंने कॉलेज परिसर में एक पौधा भी लगाया।
इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर
योगेश सिंह, डीयू के
डीन ऑफ कॉलेजेज प्रोफेसर बलराम पाणि,
डीयू की प्रॉक्टर प्रोफेसर रजनी अब्बी, मिरांडा हाउस की प्रिंसिपल प्रोफेसर
बिजयलक्ष्मी नंदा, संकाय सदस्य, छात्र और अन्य गण्यमान्य लोग उपस्थित रहें।
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