अयोध्या
में 11 नवंबर को दीपोत्सव के लिए 25 हजार से ज्यादा वॉलंटियर्स लगाए गए हैं। डॉ.
राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस दीपोत्सव की सफलता के लिए 51 घाटों पर पर्यवेक्षकों,
समन्वयकों, प्रभारी एवं गणना सदस्यों के कार्य
दायित्वों को आवंटित किया है। अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल के
कुशल मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप दीपोत्सव को
भव्य बनाने की तैयारी हो रही है।
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दरअसल 11 नवंबर को दीपोत्सव के
दिन 21 लाख से ज्यादा दीयों को प्रज्ज्वलित करने के लिए 24
लाख से अधिक दीए सजाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 25
हजार से अधिक वॉलंटियर्स लगाए गए। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कुलपति
के निर्देश पर दीपोत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया गया है। इसके
लिए पदाधिकारियों के कार्य दायित्वों का भी निर्धारण कर दिया गया है। दीपोत्सव के
लिए नोडल अधिकारी, पर्यवेक्षक, घाट
प्रभारी एवं समन्वयक नियुक्त किए गए हैं। इनकी देखरेख में फिर से विश्व कीर्तिमान
बनाया जाएगा।
अयोध्या के राम की पैड़ी व चौधरी चरण सिंह के 51 घाटों पर 12 पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं। इसके
अतिरिक्त 95 घाट प्रभारी व एक हजार से अधिक घाट समन्वयक बनाए
गए हैं। घाटों पर दीयों की गणना के लिए घाट प्रभारी एवं समन्वयकों की देखरेख में 62
वॉलंटियर्स को नियुक्त किया गया है।
विश्वविद्यालय दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो. संत शरण मिश्र के हवाले
से मीडिया प्रभारी डॉ विजयेन्दु चतुर्वेदी ने बताया कि दीपोत्सव को ऐतिहासिक बनाने
के लिए तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। 7 नवंबर को दोपहर से
घाटों पर दीये पहुंचने शुरू हो जाएंगे। 8 नवंबर को दोपहर से
सभी घाटों पर वॉलंटियर्स की मदद से दीये सजाए जाने का कार्य किया जाएगा।
11 नवंबर को अयोध्या में दीपोत्सव
हर साल की तरह इस बार भी अयोध्या में होना वाला दीपोत्सव बेहद खास होने वाला है। इस बार सरयू नदी के किनारे राम की पैड़ी पर 21 लाख से भी अधिक दीये जलाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही सुंदर मनमोहक झांकियों के अलावा लाइट एंड साउंड शो भी आयोजित किया जाएगा। दीपोत्सव में भगवान श्रीराम की अयोध्या वापसी, भरत मिलाप, श्रीराम राज्याभिषेक आदि प्रसंगों का प्रतीकात्मक चित्रण भी किया जाएगा, साथ ही सरयू आरती भी होगी। दीपोत्सव के लिए 7 नवंबर से ही घाटों पर दीये पहुंचने शुरू हो जाएंगे। 8 नवंबर से 51 घाटों पर दीये सजाने का कार्य शुरू होगा और 11 नवंबर को तेल, बाती के साथ देर शाम दीये प्रज्ज्वजित किए जाएंगे।