Kanpur News- आयुर्वेद के प्रथम प्रवर्तक भगवान धन्वन्तरि का जन्म दिवस 10 नवम्बर को अष्टम आयुर्वेद दिवस के रूप मनाया जायेगा। इसी दिन धनतेरस यानि धन त्रयोदशी भी मनाई जाती है। यह जानकारी बुधवार को कानपुर के मुख्य विकास अधिकारी सुधीर कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि विकास भवन के सभागार में अष्टम आयुर्वेद दिवस को उत्सव के रूप में मनाए जाने के संबंध में एक बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि 10 नवम्बर को अष्टम आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
इस बार की आयुर्वेद दिवस की थीम है “हर दिन हर किसी के लिए” आयुर्वेद धनतेरस के दिन ही आयुर्वेद के प्रथम प्रवर्तक भगवान धन्वन्तरि के जन्म दिवस को आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस शुभ अवसर पर आयुर्वेद पद्धति को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बढ़ावा देने तथा जन आरोग्य को सुनिश्चित किए जाने के उद्देश्य से आम-जन की स्वीकार्यता सुनिश्चित किए जाने हेतु जनसन्देश, जनभागीदारी एवं जन आन्दोलन के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजित कर जन चेतना जागृत की जाए।
यह भी पढ़ें- बरेली की शबाना ने की घर वापसी, हिंदू रीति-रिवाज से की शादी, पूजा बनकर कृष्ण पाल के साथ लिए सात फेरे
आयुर्वेद दिवस के माध्यम से छात्र-छात्राओं के मध्य आयुर्वेद के प्रति जागरूकता हेतु प्रचार-प्रसार किया जाय। विद्यालयों में आयुर्वेद सम्बन्धी औषधि उपवन विकसित किए जाएं। इस मौके पर क्षेत्रीय आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी डॉ. बृजेश सिंह कटियार, जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डॉ. मंजू चौरसिया, जिला उद्यान अधिकारी दिग्विजय भार्गव, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुरजीत कुमार सिंह, अतिरिक्त जिला सूचना अधिकारी कौशलेन्द्र सिंह, सहायक जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. अल्का गौड़, सहायक जिला कृषि अधिकारी शिवम सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।
यह भी पढ़ें- अयोध्या में राममंदिर ही नहीं देशभर के मंदिरों के होंगे दर्शन, प्राचीन मंदिरों की पुण्यगाथा बताएगा मंदिर संग्रहालय
यह भी पढ़ें- आगामी त्योहारों को लेकर बाजारों में रौनक, स्वदेशी झालरें लोगों को कर रही आकर्षित
the-birthday-of-lord-dhanvantari-will-be-celebrated-as-ashtam-ayurveda-day