आटोमोबाइल सेक्टर में 300 से 400 करोड़ कारोबार का अनुमान
Varanasi: वाराणसी दीपोत्सव पर्व के पहले दिन धनतेरस पर शुक्रवार को वाराणसी के बाजारों में जमकर धन की बारिश हुई। महालक्ष्मी के कृपा से आटोमोबाइल, सोने-चांदी, फर्नीचर, इलेक्ट्रानिक, बर्तन, रेडीमेड, रियल एस्टेट कारोबारियों के चेहरे खुशी से खिलखिला उठे। पूर्वाह्न 11 बजे से देर शाम तक बाजारों में खरीदारों की भीड़ उमड़ती रही। प्रमुख बाजारों में शाम ढलने के बाद पैर रखने की जगह नहीं थी। महंगाई के बावजूद आम और खास लोगों ने अपनी क्षमता के अनुसार सोने-चांदी के सिक्के, चांदी की थाली, स्टील के गिलास, कटोरी, चम्मच और सोने-हीरे की अंगूठी आदि की खरीदारी की। 22 कैरेट सोने के आभूषण की नई डिजाइन, सोने-हीरे की अंगूठी, चेन, टप्स आदि की खरीदारी करते लोग दिखे।
धनतेरस पर्व पर सराफा बाजार में कई गुना अधिक खरीदारी हुई। चांदी के सिक्कों के साथ सोने के सिक्के भी लोगों ने खरीदे। सोने के पांच ग्राम सिक्के की मांग बनी रही। वाहनों के शोरूम में पूर्वांह से ही वाहनों की डिलीवरी शुरु हुई जो रात दस बजे तक जारी रही। ठार जीप, ब्रेजा, स्विफ्ट, डिजायर, जेस्ट, महिंद्रा की एक्सयूवी-300, हुंडई की वेन्यू, क्रेटा आदि वाहनों की मांग देखी गई।
पर्व पर इलेक्ट्रानिक्स बाजार में भी जमकर खरीदारी हुई। लोगों ने वॉशिंग मशीन, फ्रिज, माइक्रो वेव ओवन, गीजर, टोस्टर, मिक्सर ग्राइंडर की खरीदारी की। वहीं मोबाइल बाजार में मोबाइल फोन की जमकर खरीदारी हुई। दुकानदारों ने ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए उपहार भी दिए। कुछ कंपनियों ने उपहारों के साथ-साथ कैशबैक भी दिया। महापर्व पर स्टील के बर्तन की खरीदारी भी परम्परानुसार लोगों ने की। स्टेनलेस स्टील हल्के वजन वाले बर्तन, पीतल, फूल के लोटे और अन्य पूजा के बर्तनों की जमकर खरीदारी हुई। शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण अंचल के प्रमुख बाजारों में गुरुवार से ही बर्तनों की दुकानें सज गई थीं। इसी क्रम में रेडीमेड गार्मेंट्स व गृह साजसज्जा की दुकानों में भी भीड़ दिखी। लोगों ने सोफा कवर, कुशन कवर, बेडशीट सहित रेडीमेड गारमेंट्स की जमकर खरीदारी की।
लहुराबीर व्यापार मंडल से जुड़े संजय चौबे ने बताया कि बाजार में कैंडल होल्डर, डिजाइनर दिये, रंग-बिरंगे लाइट्स, हैंगिंग वॉल और झालरों की बाजारों में खूब खरीदारी हो रही है। डिजाइनर दियों के साथ ही रंग-बिरंगी लाइटें लोगों को भा रही हैं। संजय चौबे ने बताया कि लोगों ने मिट्टी के दीपक घरों में जलाने के लिए खरीदारी की। पूजा के लिए फूल, अगरबत्तियां, लक्ष्मी गणेश की मूर्तियों को लोग बाजारों से खरीद कर घरों पर ले गए। परिवहन व्यवसाय से जुड़े आनंद त्रिपाठी ने बताया कि शहर के गोदौलिया, दशाश्वमेध, चौक, बुलानाला, मैदागिन, नई सड़क, लक्सा, रथयात्रा, सिगरा, महमूरगंज, लंका, सुंदरपुर, डीएलडब्ल्यू, ककरमत्ता, चितईपुर, चांदपुर, लहरतारा, लहुराबीर, मलदहिया, पांडेयपुर, आशापुर, अर्दली बाजार, गिलटबाजार में खरीददारों की भीड़ देखी गई। व्यापार संगठनों से जुड़े कारोबारियों के अनुसार पिछले एक पखवाड़े से शुरू हुई बिक्री धनतेरस के दिन उफान पर रही। कारोबारियों का कहना था कि ई-कॉमर्स कंपनियों के चलते बाजार पर असर देखा गया।
फूलों के बाजारों में भी रौनक देखने को मिली। कोलकाता, पूर्वांचल के जिलों के अलावा नेपाल से भी व्यापारियों ने फूल मंगवाए । शहर में स्थित फूलमंडी बांसफाटक, इंग्लिशिया लाइन व इंग्लिशिया लाइन के बगल में गेंदा माला, जफरिया लाल गेंदा माला, गुलाब माला, गुंद टेंगरी माला, कमल फूल गुलमेंहदी सहित अन्य माला फूलों के दाम दोगुने और तिगुने तक रहे। माना जा रहा है कि दीप पर्व पर इस बार 45- 50 करोड़ के कारोबार होने का अनुमान है।
बाजार के किस सेक्टर में अनुमानित धन की बारिश
आटोमोबाइल- 300 से 400 करोड़
सराफा- 350 करोड़ से अधिक
रियल एस्टेट- 250 से 300 करोड़ के बीच
इलेक्ट्रानिक उत्पाद- 125 करोड़ से अधिक
स्टील के बर्तन- 55 से 60 करोड़ के बीच
मिठाई और ड्राई फ्रूट्स- 175 से 200 करोड़ के बीच
आन लाइन कारोबार- 800 करोड़ से अधिक
पूजन साम्रगी- 5 करोड़ से अधिक
चाकलेट- 20 से 25 करोड़ के बीच
रंग रोगन- 100 करोड़ से अधिक का कारोबार
सभी आंकड़े विभिन्न थोक एवं फुटकर बाजार से मिली जानकारी और अनुमान के आधार पर हैं, अनुमानित आंकड़े एक पखवाड़े पहले से शुरू हुई खरीददारी, एडवांस बुकिंग पर आधारित है। व्यापार संगठनों के पदाधिकारी भी इसी अनुमान के आधार पर जानकारी देते हैं। दरअसल सनातनी दीपावली पर्व पर अपनी बचत और क्षमता अनुसार दिल खोल कर खरीददारी करते हैं। इसमें अपनी जरूरत के साथ ही भविष्य के जरूरत के सामान भी खरीदता हैं। बाजार में दुकानों पर उमड़ती भीड़ से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।