Uttarkashi- विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट आज (मंगलवार) अन्नकूट के पावन पर्व और अभिजीत मुहूर्त की शुभ वेला पर ठीक 11 बजकर 45 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। यह जानकारी श्री पांच गंगोत्री समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने दी। उन्होंने बताया कि इसके बाद गंगा मैया के दर्शन मुखवा गांव में किए जाएंगे। ऊंचे पहाड़ों पर स्थित मंदिरों को शीतकाल में बंद करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। ग्रीष्म ऋतु प्रारम्भ होते ही शुभ मुहूर्त में पूरे विधि विधान के साथ डोली मंदिर में जाएगी और पूजा अर्चना के बाद मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
गंगोत्री की डोली सेना के बैंड और डोली यात्रा के साथ रवाना होगी। गंगोत्री मंदिर के रावल राजेश सेमवाल ने बताया कि मां गंगा की पूजा अर्चना हो रही है। मुखवा गांव में गंगा जी की डोली का बेटी की तरह इंतजार किया जा रहा है। उधर, यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज पर 15 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद यमुनोत्री के दर्शन शीतकाल में खरसाली शनि मंदिर में होंगे।
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गंगोत्री ,गंगा नदी की उद्गम स्थान है एवं उत्तराखंड के चार धाम तीर्थयात्रा में चार स्थलों में से एक है | नदी के स्रोत को भागीरथी कहा जाता है , और देवप्रयाग के बाद से यह अलकनंदा में मिलती है, जहाँ से इन्हें पतित पावनी मां गंगा के नाम से जाना जाता है। सनातन समाज के लिए गंगा मात्र एक नदी नहीं अपितु मां गंगा हैं इनके जल को पवित्रता का पार्याय माना जाता है। गंगा नदी का उद्गम स्थल गोमुख पर है। गोमुख गंगोत्री ग्लेशियर में भागीरथी नदी का स्रोत है, जो गंगा नदी की मुख्य धाराओं में से एक है। यह स्थान उत्तरकाशी जिले में 13,200 फुट (4,023 मीटर) की ऊंचाई पर स्थित है जो कि गंगोत्री से लगभग 19 किलोमीटर दूर है।
doors of gangotri dham will be shut today after pooja of maa ganga